नालंदा:बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ के बैनर तले 102 एंबुलेंस चालकों का आंदोलन लगातार जारी है. विभिन्न मांगों को लेकर एंबुलेंस चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल किए जाने को लेकर सरकारी निर्देशों का उल्लंघन किया है. जिसके खिलाफ स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है. जानकारी के मुताबिक, 102 एंबुलेंस आउट सोर्स के माध्यम से संचालित होता है.
हड़ताल पर चले जाने से कामकाज ठप
नालंदा सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह ने बताया कि एंबुलेंस चालकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण कामकाज पर बुरा असर पड़ा है. मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने में परेशानी का भी सामना करना पड़ता है. कोरोना के दौरान किसी प्रकार की हड़ताल को असंवैधानिक बताया गया है. बावजूद इसके हड़ताल किए जाने के कारण उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
हड़ताल पर गए एंबुलेंस ड्राइवरों के खिलाफ FIR दर्ज. एफआईआर करना गलत
वहीं एंबुलेंस चालकों ने अपने ऊपर किया गए प्राथमिकी को गलत बताया . एंबुलेंस चालकों ने कहा कि अपनी जायज मांगों को लेकर वे लोग हड़ताल कर रहे हैं. सरकार के निर्देश पर जो उन लोगों एफआईआर किया गया है. वह एक तानाशाही रवैया को दर्शाता है. बावजूद इसके उन लोग ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल जारी रखेंगे.
विभिन्न मांगों को नहीं की सरकार
मालूम हो कि एंबुलेंस चालक अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. जिसमें अप्रैल 2020 से एंबुलेंस कर्मियों को उनके वेतन में कम से कम 2 हजार रुपये की वृद्धि करने, पूर्व में हुए समझौतों के क्रियांवयन नहीं होने के लिए पीडीपीएल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने, एंबुलेंस कर्मियों के वेतन में हो रहे नाजायत कटौती को बंद करने और काटे गए राशि को अविलंब भुगतान करने और अन्य मांग को सरकार ने पूरा नहीं किया है. कोरोना काल में एंबुलेंस चालक जान जोखिम में डालकर दिन-रात एक किए हुए है. अभी तक प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया है.