नालंदा: वैसे तो मशरूम की खेती जिले में कई जगहों पर हो रही है लेकिन नालंदा के सरिलचक के लोगो ने मशरूम की खेती कर अलग पहचान बनाई है. अब तक इस गांव के लोग परंपरागत खेती में विश्वास रखते थे लेकिन बीते 5 वर्षों में यह गांव काफी बदल चुका है.
परंपरागत खेती से हटकर मशरूम को ही कारोबार बना रहे नालंदा के किसान
इस गांव के लोगों की मेहनत के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कायल हैं. वे अपनी सभाओं में सरीलचक का नाम लेना नहीं भूलते.
इस गांव ने मशरूम की खेती कर लोगों को नया रास्ता दिखाया है. नतीजतन आज इस गांव के लोगों की मेहनत के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कायल हैं. वे अपनी सभाओं में सरीलचक का नाम लेना नहीं भूलते. यहां लोग घरों में ही मशरूम की खेती कर रहे हैं और उसे ही अपना व्यवसाय बना रहे हैं.
खूब होती है बिक्री
करीब डेढ़ सौ रुपय प्रति किलो की दर से मशरूम की बिक्री हो रही है. किसानों का मानना है कि बाजार में मांग होने के कारण उनका इस काम में काफी मन भी लग रहा है और फायदा भी हो रहा है. यहां के रेस्टोंरेंट में मशरूम से बने कई व्यंजन भी परोसे जाते हैं.