नालंदा: मुंबई की तर्ज पर बिहार शरीफ में भगवान गणेश की पूजा की धूम रहती है. बिहार शरीफ में सैकड़ों स्थानों पर भगवान गणेश की छोटी-बड़ी मूर्ति की स्थापना कर लोग पूजा अर्चना करते हैं, लेकिन इस बार माहौल कुछ बदला-बदला सा है. वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पूजा-पाठ पर काफी असर पड़ा है.
मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार इससे वंचित नहीं है. भगवान गणेश की मूर्ति बनाने के लिए पूर्व में मूर्तिकारों के पास समय नहीं हुआ करता था. आज वही मूर्तिकार बिना आर्डर के ही मूर्ति बनाने को मजबूर हैं.
22 अगस्त से गणपति का आगमन
आगामी 22 अगस्त से देशभर में गणपति का आगमन हो रहा है. इसको देखते हुए मूर्तिकार पूर्व से ही मूर्ति बनाने में जुटे रहते हैं. इस बार कोरोना के कारण अब तक मूर्तिकारों के पास मूर्ति बनाने का आर्डर नहीं मिला है. बावजूद इसके कुछ मूर्तिकार ऐसे हैं जो बिना आर्डर के ही मूर्ति बनाना शुरू कर दिया है. वह भी इस इंतजार में शायद कोई घर पर ही भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने के लिए मूर्ति को खरीद कर ले जाए. बिहार शरीफ के दीपनगर के रहने वाले बजरंगी लाल पंडित पिछले 25 साल से अधिक समय से मूर्ति बनाने के पेशे से जुड़े हैं.
कोरोना से मूर्तिकार पर संकट
मूर्तिकार बजरंगी का कहना है कि वे हर साल छोटा- बड़ा 50 से अधिक मूर्ति अकेले बना लेते थे, जिससे उनका और उनके परिवार का भरण पोषण भी चलता था, लेकिन इस बार कोई आर्डर नहीं मिला है. बावजूद इसके वे 10 छोटा मूर्ति बना रहे हैं. इन मूर्तियों के निर्माण में भी एक मूर्ति पर करीब 500 खर्च बैठता है. इसके अलावा इनका मेहनताना अलग से होता है. वैसे में अगर मूर्ति की बिक्री नहीं होती है तो इन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
22 अगस्त से गणपति का आगमन. सरकार मूर्तिकार पर दे ध्यान
इन मूर्तियों के निर्माण से बजरंगी लाल पंडित अपने बच्चों को अच्छा तालीम दे रहे थे.इनके दोनों बेटे में से एक बीसीए और दूसरा आठवी क्लास में पढ़ाई करता हैं, फिलहाल इनका भी पढ़ाई बंद है. जिसके कारण वे अपने पिता का काम में हाथ बटा रहे हैं. इन मूर्तिकार को अब तक कोई सरकारी मदद नही मिल सका है. जिसके कारण इनके अंदर मायूसी साफ झलक रही है. मूर्तिकार की मांग है कि सरकार उन लोग पर भी कुछ ध्यान दे दे तो जिंदगी बदल सकती है.