नालंदा: कोरोना संक्रमण काल के दौरान लोगों को हुई परेशानी के मुद्दे ने अब तूल पकड़ना शुरू कर दिया है. नालंदा जिला कांग्रेस कमेटी के पार्टी कार्यालय में बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना दिया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने छह सूत्री मांगों को लेकर धरने के माध्यम से सरकार को घेरने की कोशिश की. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार से लॉकडाउन के दौरान लोगों को हो रही समस्याओं को दूर करने की मांग की. साथ ही धरने के बाद जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा.
छह सूत्री मांगों को लेकर नालंदा में कांग्रेस ने दिया धरना - कोरोना महामारी
लगभग ढाई माह तक जारी लॉकडाउन के दौरान गरीब, किसान, मजदूर और व्यवसायियों सहित सभी वर्गों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इसी मुद्दे को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी ने आज एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया. धरने का नेतृत्व कर रहे जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के बिहार लौटने के दौरान दुर्घटना, भूख और अन्य कई कारणों से उनकी मौत हुई है.
दरअसल, लगभग ढाई माह तक जारी लॉकडाउन के दौरान गरीब, किसान, मजदूर और व्यवसायियों सहित सभी वर्गों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इसी मुद्दे को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी ने आज एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया. धरने का नेतृत्व कर रहे जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के बिहार लौटने के दौरान दुर्घटना, भूख और अन्य कई कारणों से उनकी मौत हुई है. हमारी सरकार से मांग है कि श्रमिकों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए.
किसानों की ऋण माफी की मांग
दिलीप कुमार ने कहा कि सरकार कोरोना काल में पीड़ित परिवारों की एक सूची कांग्रेस को उपलब्ध कराए. अगर सरकार उन लोगों की मदद नहीं करती तो कांग्रेस पार्टी पीड़ित परिवारों का मदद करने के लिए तैयार है. कांग्रेसी नेताओं ने लॉकडाउन और अनलॉक के दौरान प्रवासी श्रमिकों के खाते में अविलंब 10 हजार की राशि भेजने की मांग की. साथ ही सभी किसानों की ऋण माफी और लॉकडाउन के दौरान छोटे व्यवसायियों को अनुदान देने की मांग भी की गई.