नालंदा: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से आयोजित इंटरमीडिएट की परीक्षा 3 फरवरी से शुरू हो गई है. नालंदा जिले में 39 परीक्षा केंद्र बनाए गए है. परीक्षाकेंद्रों पर परीक्षार्थियों के लिए खुशनुमा माहौल बन सके इसके लिए आदर्श परीक्षा केंद्र भी बनाए गए हैं. इस सब के बावजूद परीक्षार्थियों को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
आदर्श परीक्षा केंद्र पर समुचित व्यवस्था
बता दें कि आदर्श परीक्षा केंद्र को फूल, पत्ती और बैलून से सजाया गया है. साथ ही पीने का पानी और लाइट की समुचित व्यवस्था की गई है. वहीं, परीक्षा देकर सेंटर से बाहर निकली छात्रा ने बताया कि क्लास रूम में घड़ी नहीं होने के कारण परीक्षा में प्रश्नों के आंसर देने में थोड़ी परेशानी हुई. समय का पता नहीं चल सका.
परीक्षा केंद्र पर लगी परीक्षार्थियों की भीड़ कदाचार को लेकर सघन जांच
इंटरमीडिएट की परीक्षा में किसी तरह की कोई कदाचार न हो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. परीक्षा में किसी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ले जाने पर रोक है. वहीं, परीक्षार्थियों को जूता, मोजा पहन कर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने पर रोक लगाया गया है. परीक्षार्थी सिर्फ चप्पल में ही परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश कर सकते हैं. बता दें कि इंटरमीडिएट परीक्षा के पहले दिन परीक्षार्थी तय समय पर अपने-अपने परीक्षा केंद्र पर पहुंचे. जहां उन्हें पूरी जांच पड़ताल के बाद ही परीक्षा केंद्र के अंदर जाने दिया गया. परीक्षार्थियों का सघन जांच किया गया ताकि किसी प्रकार की कागजात परीक्षार्थी अंदर ना ले जा सके.
45 हजार 985 परीक्षार्थी दे रहे परीक्षा
जिले में परीक्षार्थियों को परीक्षा देने के लिए बिहार शरीफ में 31, राजगीर में 3 और हिलसा में 5 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. वहीं, छात्राओं के लिए कुल 17 परीक्षा केंद्र और छात्र के लिए 22 परीक्षा केंद्र बनाए गए . इस परीक्षा में जिलेभर के 45 हजार 985 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. जिसमें 26 हजार 63 छात्र और 19 हजार 922 छात्राएं हैं.