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बागमती और बूढ़ी गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, हजारों लोगों का उजड़ा आशियाना - बागमती और बूढ़ी गंडक का जलस्तर

मुजफ्फरपुर में बारिश थमने के बाद भी बाढ़ के हालात में कुछ विशेष सुधार नहीं हुआ है. बूढ़ी गंडक नदी लगातार खतरे के निशान के ऊपर बनी हुई है, जिससे बाढ़ की तबाही का दायरा भी बढ़ रहा है.

मुजफ्फरपुर
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Published : Aug 10, 2020, 6:06 PM IST

Updated : Aug 28, 2020, 10:30 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, जिले में बूढ़ी गंडक और बागमती नदी उफान पर है. इस समय बूढ़ी गंडक और बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके चलते नदी का पानी लोगों की घरों में घुसने लगा है. घरों में पानी के घुसने के कारण हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं. यहां की सड़कों पर भी पानी भरा हुआ नजर आ रहा है.

बाढ़ से बढ़ रही परेशानी
दरअसल, जिले के बंदरा में बाढ़ की वजह से हालत काफी भयावह है. यहां प्रखंड मुख्यालय बाढ़ की चपेट में है. जिससे यहां राहत बचाव के काम में भी परेशानी हो रही है. बंदरा में पूसा मुख्य सड़क पर करीब दो किलोमीटर तक बूढ़ी गंडक और बागमती नदी का पानी दो से तीन फीट तक चढ़ गया है. जिससे इस मुख्य सड़क पर वाहनों का परिचालन बंद हो गया है. इलाके में लगातार बाढ़ का पानी बढ़ रहा है. जिससे यहां के बाढ़ प्रभावित इलाकों में सामुदायिक किचेन का संचालन भी सही तरीके से नहीं हो पा रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

लोगों में दिख रही नाराजगी
ग्रामीणों ने बताया कि बंदरा प्रखंड के मुन्नी-बैंगरी और हत्था पंचायत के सभी इलाकों में बूढ़ी गंडक के साथ-साथ गायघाट से बागमती का पानी भी प्रवेश कर रहा है. जिससे पूरा इलाका जलमग्न और तबाह दिख रहा है. बाढ़ की पानी से पटसारा, तेपरी, मतलूपुर, बंदरा आदि इलाकों में भी कोहराम की स्थिति है. बूढ़ी गंडक के ढाब एरिया के सैंकड़ों परिवार विस्थापित हैं. ऊंचे स्थलों, सरकारी स्कूल, एपीएचसी आदि स्थलों पर शरण लिए हैं. लेकिन यहां सामुदायिक किचन अभी तक शुरू नहीं हुआ है. बाढ़ पीड़ितों में प्रखंड के अधिकारियों के प्रति गहरी नाराजगी दिख रही है.

Last Updated : Aug 28, 2020, 10:30 PM IST

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