मुजफ्फरपुर: न्यायालय में लगातार बढ़ते हुए केस के बोझ को कम करने के लिए मुजफ्फरपुर कोर्ट परिसर में मध्यस्थता के लेकर विशेष कार्यशाला आयोजित की गई. इस बैठक में पटना हाईकोर्ट के जज ने मध्यस्थता के महत्व से वकीलों को अवगत कराया.
कोर्ट परिसर स्थित एडवोकेट्स एसोसिएशन भवन में मध्यस्थता विषय पर पटना हाईकोर्ट के न्यायधीश अनिल कुमार उपाध्याय ने मध्यस्थता की. वहीं वकीलों को अवगत कराया कि घरेलू मामलों पर पहले मध्यस्थता करने की कोशिश करें.
कोर्ट परिसर में मध्यस्थता विषय पर कार्यशाला
घरेलू मामलों में मध्यस्थता आवश्यक
जज अनिल उपाध्याय ने कहा कि दहेज उत्पीड़न के केस में पति के अलावा ससुराल पक्ष के अधिकांश लोगों को आरोपी बना दिया जाता है. यह सही नहीं है. इससे निर्दोष लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है. उन्होंने वकीलों को समझाया कि जमीन विवाद पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहता है और अंत में दोनों पक्ष मध्यस्था के लिए राजी होते हैं. वहीं दहेज व घरेलू विवाद के केस को भी मध्यस्था के माध्यम से सुलझाया जा सकता है. इसमें निजी हितों से ऊपर उठकर वकीलों को मध्य स्तर पर जोड़ देना चाहिए.
दोनों पक्षों को समझा कर केस खत्म करें
वहीं अगर वकील कुछ मामलों में दोनों पक्षों को आपसी समझौता करा कर मामले को रफा-दफा कर देना चाहिए. इससे लोगों में एक-दूसरे के लिए तकरार कम होगी. साथ ही कोर्ट में केस का बोझ भी कम आएगा.