मुजफ्फरपुर: उत्तर बिहार की नदियों में उफान से बाढ़ और कटाव के साथ ग्रामीणों के विस्थापन की समस्या और विकट होती जा रही है. बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक सहित अधिकांश छोटी पहाड़ी नदियां भी कई जगह खतरे के निशान से उपर बह रही है. वहीं पानी घरों में घुसने से हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं.
बाढ़ पीड़ितों में नाराजगी
जिले में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होने से नदी ने अब अपना रौद्र रूप दिखना शुरू कर दिया है. कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस जाने के बाद लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर शरण ले रहे हैं.
जिले के कांटी प्रखंड के मिठनसराय और कोल्हुआ पैगम्बरपुर के लोग गांव में पानी घुसने के बाद मुजफ्फरपुर-दरभंगा नेशनल हाइवे पर तम्बू लगाकर गुजर बसर कर रहे हैं. लोगों को रहने के साथ-साथ खाने पीने की समस्या हो रही है. वहीं जिला प्रशासन ने अब तक राहत कार्य शुरू नहीं किया है. जिससे लोगों में नाराजगी भी देखी जा रही है.
बाढ़ के कारण ग्रामीणों का विस्थापन शुरु किया जाएगा राहत कार्य शुरू
जिले में बाढ़ का असर अब नौ प्रखंडों तक पहुंच गया है. जिला प्रशासन ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि जहां स्थिति गंभीर है, वहां शुक्रवार से राहत कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इस क्रम में फूड पैकेज का वितरण, सामुदायिक किचन के संचालन के साथ साथ पॉलिथीन सीट का वितरण किया जाएगा.