मुजफ्फरपुर: औराई प्रखंड मुख्यालय समेत नयागांव, बभनगामा, राजखंड उत्तरी, दक्षिणी रतवारा, समेत 16 पंचायतों के 86 गांवों में इन दिनों बिजली संकटसे लोग जूझ रहे हैं. बिजली न होने के कारण लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं लॉकडाउन होने से सभी अपने-अने घरों में ही कैद है, ऐसे में बिजली की समस्या लोगों के लिए किसी संकट से कम नहीं.
इसे भी पढ़ें:बेतिया: दो दिनों से बिजली बाधित होने से लोगों की बढ़ी परेशानी
उपभोक्ता हुए परेशान
बता दें कि हर एक घंटा में महज 10 मिनट बिजली दे रहा, वह भी लो वोल्टेज में मिल रहा है. लॉकडाउन के दौरान उपभोक्ताओं के सामने सबसे बड़ी समस्या भीषण गर्मी आन पड़ी है. उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया है कि औराई को सीतामढ़ी जिले के रुनीसैदपुर फिडर से मिल रहे बिजली की आपूर्ति मनमाने तरीके से काट दी जा रही है. यहां के लोग अंधेरे में जीने को विवश हैं. मोटर तो दूर पंखा भी नहीं चल पा रहा है. कई लोग डबल स्टेबलाइजर और फोर फोट्टी लगाकर मोटर चलाने का प्रयास कर रहे हैं. जिस कारण साधारण उपभोक्ताओं के सामने बड़ी समस्या बनती जा रही है.
16 पंचायतों के पास नहीं कोई पावर सब-स्टेशन
औराई के 16 पंचायतों को अपना कोई पावर सब-स्टेशन नहीं है. जिस कारण सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर से औराई प्रखंड के 16 पंचायतों को बिजली आपूर्ति की जा रही है. जहां ओवरलोड की वजह से कहीं जंपर कट रहा तो कहीं तार गलकर आग लग रहा है. औराई पंचायत अंतर्गत बिशनपुर में विद्युत पावर सब स्टेशन निर्माण के संवेदक की लेटलतीफी की वजह से निर्माण कार्य बाधित पड़ा हुआ है. तत्कालीन विधायक डॉ सुरेंद्र यादव के समय निर्माण कार्य पूरा होने की तिथि वर्ष 2020 के अप्रैल में ही करना था, जो बाढ़ का हवाला देते हुए संवेदक ने एस्टीमेट रिवाइज कराकर इसे 30 जून 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है.
ये भी पढ़ें:बिजली आपूर्ति बाधित होने पर लॉकडाउन के बीच सड़क पर उतरे लोग, आगजनी कर प्रदर्शन
अभियंता की नहीं हुई बहाली
बिजली विभाग के कनीय अभियंता केशव किशन ने बताया कि औराई के 16 पंचायतों में ओवरलोड होने की वजह से बिजली कट हो जा रही है. पावर सब स्टेशन निर्माण तक यही स्थिति बनी रहेगी. वहीं उन्होंने बताया कि औराई के 16 पंचायतों को दो सेक्टर में बांटा गया है. औराई और रामपुर, जबकी औराई के रामपुर सेक्टर में आज तक कोई अभियंता की बहाली नहीं हुई है. जिस कारण मानव बल की प्रतिनियुक्ति नहीं हो सकी. 2 सेक्टर हो जाने के बाद यहां 12 मानव बलों की जरूरत है. लेकिन समेत 6 मानव बल के सहारे 200 किलोमीटर रेंज में कार्य को किसी तरह पूरा किया जा रहा है.