मुजफ्फरपुर: कोरोना महामारी ने डेयरी किसानों और उत्पादकों की कमर तोड़ दी है. लॉकडाउन में होटल, रेस्टोरेंट और मिठाई की दुकान बंद होने की वजह से डेहरी पालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. दूध की खपत नहीं होने की वजह से डेयरी संचालक अपने कामगारों के वेतन भुगतान से लेकर जानवरों के रखरखाव में भी खुद को असहज महसूस कर रहे है.
दूध की खपत में भारी गिरावट
डेयरी किसानों की मानें तो लॉकडाउन की वजह से दूध की खपत में भारी गिरावट आई है, जिससे दूध उत्पादकों को न चाहते हुए भी अपना दूध का उत्पादन-घटाना पड़ रहा है. इससे डेयरी संचालन में आर्थिक समस्या आड़े आ रही है. किसानों ने कहा कि सामान्य दिनों की तुलना में दूध की डिमांड में करीब 50 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है.
पशुपालन विभाग से मदद की उम्मीद
मुजफ्फरपुर में डेयरी संचालकों को आ रही कठिनाई से जिला प्रशासन भी बखूबी अवगत है. जिला पशुपालन पदाधिकारी की मानें तो करोना की वजह से पशुपालन और डेयरी उद्योग के सामने खुद को बचाए रखने की गंभीर चुनौती है. ऐसे में जिला पशुपालन विभाग पशुपालकों को हर तरह की सहायता देने की कोशिश कर रहा है.
डेयरी कारोबार में आई गिरावट
सरकार से आर्थिक सहायता की मांग
मुजफ्फरपुर शहर के आसपास के 10 किलोमीटर के दायरे में करीब एक सौ से अधिक छोटी-बड़ी डेयरी कार्यरत हैं, जो इन दिनों लॉकडाउन की गंभीर मार झेल रही हैं. इसकी वजह से उनका दूध का कारोबार बाधित हो गया है. अगर ऐसे में इन किसानों को सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता नहीं दी गई तो किसान पशुपालक न चाहते हुए भी अपने पशुओं को बेचने के लिए मजबूर होंगे.