मुजफ्फरपुर:कामयाबी का मतलब सिर्फ नौकरी पाना नहीं होता, कामयाबी के कई तरीके हैं. आज की युवा पीढ़ी नौकरी नहीं लगने पर हताशा की शिकार हो जा रही है. लेकिन बिहार के एक युवा ने नौकरी नहीं लगने पर कामयाबी का दूसरा रास्ता बनाया. आज उन्होंने खुद की कंपनी खोल ली, जिसमें मशरूम से बने बिस्कुट और लड्डू बना रहे हैं. ये प्रोडक्ट स्वाद में बेहतरीन होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है.
बिहार पुलिस बनने का था सपना: दरअसल मुजफ्फरपुर के मो. हसन को बिहार पुलिस में जाने की इच्छा थी. इसके लिए ग्रेजुएशन करने के दौरान उन्होंने बिहार पुलिस की परीक्षा भी दी. लेकिन जब मेरिट लिस्ट में नाम नहीं आया तो उन्होंने हार नहीं मानी और कुछ बड़ा करने का सोचा. उन्होंने खुद का स्टार्टअप शुरू किया और अब उनकी मेहनत भी रंग ला रही है.
खुद का स्टार्टअप शुरू कर पेश की मिसाल: दरअसल, जिले के मनियारी स्तिथ बंगरा निवासी युवा उद्यमी मो. हसन इन दिनों मशरूम की खेती के साथ इसके बिस्कुट और लड्डू का निर्माण कर रहे हैं. उन्होंने मशरूम कूकीज नाम से अपनी कंपनी शुरू कर दी है, जिसमें लोगों को रोजगार दे रहे हैं. हसन ने अकाउंट्स से ग्रेजुएशन किया है. हसन के पिता मो. हारून डिस्ट्रिक्ट जज के चालक थे, जो अब रिटायर्ड हो चुके हैं.
पूसा कृषि विश्वविद्यालय से ली ट्रेनिंग:हसन ने ग्रेजुएशन करने के बाद साल 2020 में एमबीए की पढ़ाई बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से पूरी की. एमबीए करने के बाद उन्होंने पूसा यूनिवर्सिटी में ट्रेनिंग ली, जिसके बाद अब वे खुद से मशरूम की खेती करते हैं और अपना उत्पादन कर मार्केट में बेचते भी हैं. इसके अलावा, मशरूम बर्बाद ना हो इसलिए उससे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने वाले लड्डू और बिस्कुट भी तैयार कर रहे हैं.
मार्केट में मिल रहा अच्छा रिस्पांस: उन्होंने बताया कि "तीन तरह के मशरूम की खेती करते हैं. उसमें मिल्की, ऑयस्टर और बटन मशरूम शामिल है. तीनों सीजन के अनुसार पैदा करते हैं. बटन मशरूम को ठंड के दिनों में अधिक लोग पसंद करते हैं. लेकिन, ऑयस्टर मशरूम को इलाके के लोग ज्यादा नहीं खाते थे. इसलिए सोचा कि मशरूम की बर्बादी से अच्छा है की इससे कोई ऐसी चीज बनाई जाए जो लोगो को पसंद आए."
मशहूर के बिस्कुट और लड्डू की डिमांड: इसके बाद उन्होंने मशरूम की बिस्कुट और मिठाई बनाने की सोची. जिसके बाद गांव के लोगों को खिलाया तो सबको काफी पसंद आया. इसके बाद वे प्रखंड के बाजारों में ही बिस्कुट और मिठाई बेचने लगे. मार्केट से अच्छा रिस्पांस मिलने लगा. जिसके बाद वे इसका सप्लाई शहरी क्षेत्र में भी करने लगे. अब वे बिहार के दूसरे जिलों में सप्लाई करने का काम कर रहे हैं.
लोगों को भी सिखा रहे हुनर: उन्होंने बताया की "शुरुआत में कुछ लोगों ने मेरा मजाक भी उड़ाया. लेकिन, अब जब प्रोडक्ट बिकने लगा तो लोग तारीफ करते हैं. अब गांव और आसपास के लोग काम सीखने आते हैं. मैं भी युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए उन्हें मशरूम की खेती और बिस्कुट-लड्डू बनाने की कला सिखाता हूं ताकि बेरोजगार युवा भी अपना स्टार्टअप कर सकें."
दूसरों को रोजगार दे रहे हसन:हसन बताते हैं कि "शुरू में मैं अकेले ही काम करता था, जिसमें परिवार का पूरा सहयोग मिलता था. धीरे-धीरे जब मार्केट में डिमांड बढ़ी तो लड़कों को भी रखना शुरू किया. वर्तमान में मेरे यहां 4 युवक काम करते हैं. जब मशहूर का सिजन रहता है तो और भी लोगों को काम पर रखते हैं, जिससे उनके भी घर का खर्च चलता है."