मुजफ्फरपुर:बिहार के मुजफ्फरपुर में ठगी (Fraud In Muzaffarpur) का अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जहां बिहार के तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे (Former DGP Gupteshwar Pandey) के आवास पर घुमाकर उनसे अच्छे संबंध का हवाला देकर पुलिस विभाग में ड्राइवर की नौकरी लगाने के नाम पर पांच लाख रुपये की ठगी की बात सामने आयी है. इस संबंध में कुढ़नी थाना क्षेत्र के रहने वाले रणवीर कुमार ने अहियापुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाया है और न्याय की गुहार लगाई है. दर्ज केस में पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के नाम का जिक्र भी किया गया है.
ये भी पढ़ें- Fraud In Vaishali : FB के जरिए नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 3 शातिर गिरफ्तार, पुलिस ने यूं दबोचा
पूर्व डीजीपी के नाम पर ठगी:कुढ़नी के रामपुर बलरा गांव के रहने वाले रणवीर कुमार ने जिले के ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के राहुल नगर के रहने वाले वैभव मिश्रा और उनके सहयोगियों के खिलाफ अहियापुर थाना में मामला दर्ज कराया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि वर्ष 2020 में तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के रहते हुए उनके आवास पर अच्छे संबंध का हवाला देकर वैभव मिश्रा उन्हें ले गया था. जहां से लौटने के बाद आरोपी ने यह कहा था कि पुलिस में ड्राइवर की बहाली में नौकरी लग जाएगी. इसके लिए आरोपी ने पांच लाख रुपये की मांग की थी.
अहियापुर थाना में प्राथमिकी दर्ज: पीड़ित ने बताया कि तत्कालीन डीजीपी से आरोपी के अच्छे संबंध थे. वो खुद जाकर देखे थे, तो इसी को देखते हुए उन्होंने पैसा दे दिए. उसके बाद जब तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे अपने पद से हट गये तो वो वैभव मिश्रा से पैसा मांगना शुरू किया. पीड़ित रणवीर कुमार ने बताया कि पहले तो वैभव मिश्रा आजकल करता रहा. इसी दौरान 3 अप्रैल को शाम के चार बजे वैभव मिश्रा ने उन्हें फोन कर अहियापुर थाना क्षेत्र के कोल्हुआ में पैसा ले जाने के लिए बुलाया. पीड़ित ने बताया कि वो पैसा लेने के लिए अपने एक भाई के साथ पहुंचे, तो पूर्व से वैभव मिश्रा और उसके कई लोग बैठे थे.
मामले की जांच में जुटी पुलिस: पीड़ित के मुताबिक वैभव मिश्रा के पास पहुंचते ही पहले से वहां बैठ लोगों ने मारपीट शुरू कर दिया और जान से मारने की नियत से मारपीट की. इस मारपीट में शामिल एक दुर्गेश तिवारी नाम का युवक खुद को कुख्यात अपराधी मुकेश पाठक का भाई बता रहा था और हत्या की धमकी दे रहा था. रणवीर कुमार ने बताया कि वैभव मिश्रा के जितने भी सहयोगी थे, सभी किसी न किसी मामले में जेल से लौटे हैं. इधर, पूरे मामले पर पूछे जाने पर अहियापुर थानेदार अरुण कुमार ने कहा कि रणवीर कुमार द्वारा दिए गए आवेदन पर मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस अनुसंधान कर रही है.