मुजफ्फरपुरः राज्य भर में उमस भरी गर्मी के बीच चमकी बुखार का कहर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. एसकेएमसीएच और केजरीवाल में बच्चों की तादात बढ़ती जा रही है. तीन दिन में मरने वाले बच्चों की संख्या 8 बतायी जा रही है. लेकिन इसकी अभी तक अधिकारी पुष्टि नहीं की गयी है.
चमकी बीमारी के लक्षण और सुझाव
एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते है. साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना. अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
चमकी बीमारी से अब तक 8 बच्चों की मौत कैसे करें बचाव
- बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें
- मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें
- तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें
- बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे
- अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं
- पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी
- एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी
- चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है
- ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं
वहीं, लगातार बच्चों की मौत की संख्या बढ़ता देख डीएम के निर्देश पर सिविल सर्जन के साथ-साथ पूरी टीम केजरीवाल और मेडिकल हॉस्पिटल पहुंची और हॉस्पिटल के अधिकारियों से भी बातचीत की. डॉक्टरों को निर्देश दिए की जल्द से जल्द इस बीमारी पर काबू पाया जाए ताकि और लोगों की जान बच सके.