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लौट आया तितलियों का दौर, लॉकडाउन बना वरदान - तितलियों का दौर लौट आया

मुजफ्फरपुर के लीची बागानों के आसपास तितलियों की करीब 15 से अधिक प्रजातियां नजर आ रही है. प्राणी विज्ञान के जानकारों की माने तो तितली पर्यावरण को लेकर बेहद संवेदनशील होती है, जो उसमें आये हल्के बदलाव को भांप लेती है.

तितली
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Published : May 7, 2020, 2:25 PM IST

Updated : May 7, 2020, 6:24 PM IST

मुजफ्फरपुर :रंग बिरंगी फूलों पर उड़ती तितलियों को देखते ही सबका मन भी उनके साथ उड़ने को मचलने लगता है. शायद यही वजह है कि तितलियों को फूलों पर बैठते देखना और उन्हें निहारना सभी को बेहद पसंद है. लेकिन बढ़ते प्रदूषण का स्तर और वाहनों के शोरगुल के बीच समय के साथ धीरे-धीरे तितलियां विलुप्त होने लगी थी, जिसके कारण तितलियां महज किताबों के पन्नों पर सिमटने लगी थी.

लेकिन कोरोना संक्रमण के बीच देश-दुनिया में प्रभावी लॉकडाउन की वजह से इन खूबसूरत तितलियों का दौर फिर से लौट आया है, जहां वातावरण में आए बदलाव के बीच अब बिहार के लीची बागान में भी बहुआयत संख्या में रंग बिरंगी तितलियां मंडराने लगी है. जैव मामलों के जानकार इसे एक वातावरण के लिए बेहतर संकेत मान रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

'तितलियों का फिर से दिखना बेहद अहम'
इस धरती की सबसे खूबसूरत और आकर्षक जीव कोई है तो वह तितली है. दुनिया में करीब तितलियों की दो हजार प्रजाति पाई जाती है, जिसमे सिर्फ भारत मे 1500 सौ प्रजाति पाई जाती थी. लेकिन धीरे-धीरे इसमे से भी करीब दो सौ से अधिक प्रजातियों की तितली लुप्त हो चुकी है, ऐसे में वातावरण में आये बदलाव के बीच तितलियों का फिर से दिखना बेहद अहम है.

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तितलियों का लौट आया दौर
फिलहाल मुजफ्फरपुर के लीची बागानों के आसपास तितलियों की करीब 15 से अधिक प्रजातियां नजर आ रही है. प्राणी विज्ञान के जानकारों की माने तो तितली पर्यावरण को लेकर बेहद संवेदनशील होती है, जो उसमें आये हल्के बदलाव को भांप लेती है. शायद यही वजह है कि प्रदूषण के कम हो रहे प्रभाव के बीच अब तितलियों का दौर लौट आया है.

Last Updated : May 7, 2020, 6:24 PM IST

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