मुंगेरः दुनिया का पहला योग विश्वविद्यालय (Yoga University) होने का गौरव बिहार के मुंगेर (Munger) स्थित योग आश्रम (Yoga Ashram) को प्राप्त है. यहां से शिक्षा लेकर हर साल सैकड़ों योग साधक दुनिया भर में योग का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. मुंगेर जिले को योग नगरी(Yoga City) के नाम से भी जाना जाता है.
वर्तमान में संचालित होता योगाश्रम
मौजूदा वक्त की बात करें तो मुंगेर में विश्वविद्यालय तो नहीं रहा, लेकिन अभी भी यहां पर मुंगेर योगाश्रम संचालित हो रहा है. इसे बिहार योग विद्यालय यानि बिहार स्कूल ऑफ योगा (BSY) के नाम से जाना जाता है. इसकी स्थापना 1963 में सत्यानंद सरस्वती ने की थी. योगाचार्य, योग शिक्षक बनने के लिए यहां चतुर्मासिक सत्र का संचालन होता है.
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यहां दो बार आये हैं राष्ट्रपति
देश के पूर्व राष्ट्रपति रहे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद यहां दो बार आए थे. पहली बार वे 2004 में यहां आए थे. तब उन्होंने इस शहर काे योग नगरी का नाम दिया था. उनके अलावे देश के कई प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री यहां आ चुके हैं. फिल्म आशिकी की अभिनेत्री अन्नू अग्रवाल समेत कई फिल्मी हस्तियां भी आ चुकी हैं.
उत्तरवाहिनी गंगा तट पर स्थापित योग आश्रम
मुंगेर योग आश्रम उत्तरवाहिनी गंगा तट कस्टहरनी घाट के सामने स्थित है. योग आश्रम को गंगा दर्शन के नाम से भी जाना जाता है. योग आश्रम की छत पर जाने के बाद तीनों ओर गंगा नजर आती है. इस योगाश्रम के बारे में बताया जाता है कि यहां से ज्ञान लेकर निकलने वाले लगभग 50,000 से अधिक योग प्रशिक्षक के तौर पर भारत के अलावा विभिन्न देशों में योग का अलख जगा रहे हैं.
1963 में हुई थी स्थापना
मुंगेर योगाश्रम की स्थापना साल 1963 में स्वामी सत्यानन्द ने योग के प्रचार प्रसार के लिए की थी. आज इसकी शाखाएं विश्व के सौ से अधिक देशों में हैं. मुंगेर योगाश्रम की स्थापना के समय सत्यानन्द ने कहा था योग भविष्य की संस्कृति बनेगी. सत्यानन्द हिमाचल प्रदेश के अल्मोड़ा के रहने वाले थे.
मुंगेर में स्थित है बिहार योग/सत्यानंद योग की ये शाखाएं
- बिहार योग विद्यालय (मुंगेर आश्रम).
- बिहार योग भारती (योग संस्थान).
- योग रिसर्च फाउंडेशन.
- योग प्रकाशन ट्रस्ट.
- पादुका दर्शन में संन्यासपीठ.