मुंगेरःबीते सोमवार को मुंगेर जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए पुलिस फायरिंग में एक नौजवान की मौत हो गई. सीआईएसएफ की ओर से दिए गए बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया कि गोली पहले लोकल पुलिस प्रशासन ने ही चलाई थी. इस गोलीकांड में 19 वर्षीय अनुराग पोद्दार की मौत हो गई. जिसके बाद जिले के लोगों में गुस्से की चिंगारी भड़क उठी और गुरुवार को पथराव और आगजनी की घटना को अंजाम दे दिया. इसके बाद डीआईजी मनु महाराज ने जिले की कमान संभालते हुए फ्लैग मार्च किया और स्थिति पर काबू पाने की कोशिश की.
विसर्जन देखने निकला था अनुराग
जानकारी के अनुसार, 26 अक्टूबर की रात मुंगेर के लोहापट्टी का रहनेवाला अनुराग कुमार पोद्दार अपने परिजनों के साथ घूमने निकला था. वह परिजनों को देर से आने की बात कह कर विसर्जन देखने के लिए निकल गया. उसी दौरान पुलिस और विसर्जन में शामिल लोगों के बीच झड़प हुई और पुलिस की गोलीबारी में एक गोली सीधे उसके सर में लगी जिससे मौका-ए-वारदात पर उसने दम तोड़ दिया.
बड़ी दुर्गा प्रतिमा विसर्जन करने को लेकर हुआ विवाद
मुंगेर जिले में कई वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है कि जब तक बड़ी दुर्गा माता की प्रतिमा का विसर्जन नहीं होता तब तक वहां के किसी और मूर्ति को विसर्जित नहीं किया जाता है. साथ ही वहां एक और नियम का पालन होता है जिसमें माता की मूर्ति को 32 कहार ही ले जा सकते हैं और कोई नहीं. यह परंपरा है कि मां कहारों के कंधे के सहारे ही विसर्जन के लिए जाती हैं. 32 कहारों के सहारे विसर्जन शोभायात्रा निकलती है.
इसी बीच पुलिस प्रशासन ने लोगों को चुनाव का हवाला देते हुए मूर्ति छोड़कर जाने को कहा और खुद विसर्जन करने की बात कही. लेकिन परंपरा और रीति-रिवाज पर अडिग लोगों ने इससे इंकार कर दिया जिसके बाद पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई, जिसमें पुलिस ने गोली चला दी.
लोकल पुलिस ने चलाई थी गोली