मुंगेर:ताड़ी से बनी नीरा (Neera made from Toddy) स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. इससे जहां पेट की गंभीर बीमारी दूर होती है, तो जॉन्डिस भी गायब हो जाता है. लीवर संबंधी बीमारियों में नीरा रामबाण है, नीरा से नशा भी नहीं होता है. ऐसे में सरकार बिहार में शराबबंदी (Liquor ban in Bihar) को पूर्णता सफल बनाने के लिए ताड़ी के व्यवसाय करने वालों को नीरा उत्पाद में जोड़ने के लिए योजना चलाई है. मुंगेर जिले में भी इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लोगों का सर्वेक्षण कार्य शुरू हो गया है.
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मुंगेर में नीरा उत्पाद के लिए प्रोसेसिंग यूनिट:जिलाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि मार्च से अप्रैल तक जिले के सभी ताड़ी व्यवसाय से जुड़े परिवारों का सर्वेक्षण किया जाना है. जीविका के माध्यम से नीरा उत्पाद के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएगी. सर्वे के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण के बाद जिले में सर्वे का कार्य शुरू हो जाएगा. अप्रैल तक जमीन पर कार्य दिखने लगेंगे.
कब करें 'नीरा' का सेवन?:चिकित्सक की माने तो नीरा का सेवन सूर्योदय के पहले करें. सूर्योदय के पहले ताड़ या खजूर से उतरने वाली ताड़ी में नीरा के बराबर पौष्टिक होता है. नीरा के सेवन से कई तरह के फायदे हैं. मुंगेर जिले के फिजीशियन डॉक्टर आशीष कुमार ने कहा कि इसमें 25 प्रकार के पोषक तत्व होते हैं. इस रस से जॉन्डिस और दमा समेत अनेक प्रकार की बीमारियों को ठीक करने की ताकत होती है. नीरा शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है.
'नीरा' स्वास्थ्य के लिए रामबाण:नीरा में मुख्य रूप से 84.72 प्रतिशत जल रहता है, जबकि कार्बोहाइड्रेट 14.35 प्रतिशत, प्रोटीन 0.10 प्रतिशत, वसा 0.17 प्रतिशत, मिनरल 0.66 प्रतिशत होता है. मिनरल्स में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, सोडियम और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है. साथ ही विटामिन सी और विटामिन बी भी मिलता है. सुबह-सुबह नीरा का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.