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शहीद राजेश कुमार को श्रद्धांजलि देने उमड़ा जनसैलाब, लगे वंदे मातरम के नारे

झारखंड में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में बिहार के मुंगेर (Munger) के असिस्टेंट कमांडेंट राजेश कुमार (Martyr Rajesh Kumar) शहीद हो गए थे. शहीद राजेश राय का पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से मुंगेर लाया गया. विजय चौक पर सभी सामाजिक संस्थाओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. पढ़ें रिपोर्ट..

मुंगेर
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Published : Sep 29, 2021, 10:40 PM IST

मुंगेर:बिहार के मुंगेर (Munger) जिले के लाल दरवाजा के रहने वाले बीएसएफ के असिस्टेंट कमांडेंट राजेश कुमार राय (Martyr Rajesh Kumar) मंगलवार को झारखंड के लातेहार में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. बुधवार की शाम 3 बजे उनका पार्थिव शरीर रांची से हेलीकॉप्टर के जरिए मुंगेर के हवाई अड्डे लाया गया. हवाई अड्डे पर मुंगेर डीएम नवीन कुमार, एसपी जेजे रेड्डी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे. पार्थिव शरीर के साथ उनकी पत्नी और बच्चे भी हेलीकॉप्टर से मुंगेर पहुंचे.

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शहीद राजेश कुमार राय की पार्थिव देह को हवाई अड्डे से खुले वाहन पर विजय चौक लाया गया. जहां मुंगेर जिले के सभी राजनीतिक पार्टियों के लोग और सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने शहीद के पार्थिव शरीर पर फूल माला अर्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान मुंगेर का लाल अमर रहे, शहीद राजेश अमर रहे के नारों से इलाका गुंजायमान हो गया.

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मौके पर सदर विधायक प्रणव कुमार ने कहा कि आज मुंगेर की धरती धन्य है कि मुंगेर के लाल देश की रक्षा करने में शहीद हो गया. विजय चौक के पास से शहीद का पार्थिव शरीर का काफिला उनके पैतृक आवास लाल दरवाजा तक आया. गुरुवार की सुबह लाल दरवाजा घाट पर शहीद राजेश राय के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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पार्थिव शरीर के साथ राजेश राय के बड़े भाई राकेश कुमार राय और परिवार के सदस्य साथ चल रहे थे. शव यात्रा में शहीद राजेश की पत्नी और उनके बच्चे सहित परिवार जनों का जो रो रोकर बुरा हाल हो रहा था. उनका पार्थिव शरीर लाल दरवाजा उनके आवास पर रखा हुआ है. जहां मुंगेर शहर के गणमान्य व्यक्ति उनकी तस्वीर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

बता दें कि डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार, जिन्होंने अपने अदम्य साहस और दिलेरी से कई नक्सली ऑपरेशन में सफलता हासिल की. उन्होंने अपनी बहादुरी से नक्सलियों के कई मंसूबे पर पानी फेर दिया. झारखंड जगुआर में डिप्टी कमांडेंट एसॉल्ट ग्रुप 35 को लीड करते थे.

मूल रूप से बिहार के मुंगेर जिला के लाल दरवाजा निवासी राजेश कुमार ने 12 नवंबर 2007 को बीएसएफ में योगदान दिया था. उनकी पैतृक वाहिनी पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर की 84वीं बटालियन थी. राजेश के सहकर्मियों के अनुसार राजेश कुमार तीन साल से झारखंड जगुआर में योगदान के बाद कई सफल ऑपरेशन का हिस्सा रह चुके थे. राजेश कुमार ने पूर्व में राज्य के तमाम नक्सल प्रभावित इलाकों में होने वाले ऑपरेशन में हिस्सा लिया था.

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