मुंगेर: गर्मियों के सीजन में मिलने वाला आम हर वर्ग और उम्र के लोगों को खूब भाता है. तभी तो इसे 'फलों का राजा' कहा जाता है. लेकिन, इस साल आम, आमलोगों की थाली से गायब नजर आ रहा है. दरअसल, पैदावार अच्छी नहीं होने के कारण आम की कीमत काफी ज्यादा है. नतीजतन लोग चाह कर भी खरीद नहीं पा रहे हैं.
महंगाई के कारण लोगों को अपने मन को भी काबू में रखना पड़ रहा है. आम आदमी पहले जहां 5 किलो आम खरीदते थे. अब वह 2 किलो की खरीदी करके ही संतोष कर रहे हैं. बेमौसम बारिश, आंधी-तूफान और कीट-पतंगों के कारण इस वर्ष आम का पैदावार 50 फीसदी से भी कम हुई है.
बेमौसम बारिश के कारण पैदावार हुई कम
मुंगेर की 60 हेक्टेयर भूमि पर आम की फसल होती है. इस वर्ष लगातार बेमौसम बारिश के कारण शुरू में ही आम के मंजर बड़ी मात्रा में पेड़ों से झड़ गए थे. तेज आंधी और तूफान के कारण आम के टिकोला को भी जबरदस्त नुकसान हुआ था. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक मुकेश कुमार ने बताया कि इस वर्ष मौसम सही नहीं रहा. बेमौसम बारिश होती रही. जिस कारण फल बर्बाद हुए.
उपज कम, खपत ज्यादा इसलिए कीमतें अधिक
आम का कारोबार 50 से 60 हजार करोड़ का होता है. इस वर्ष आम की आधी फसल खराब हो गई. पीड़ित किसान सिराजुल कहते हैं कि जिले में आम की द्विवर्षीय फसल होती है. 1 वर्ष के बाद आम के मंजर सभी पेड़ों पर आते हैं. पिछले साल सभी पेड़ पर मंजर आए थे. इस वर्ष आधे पेड़ पर ही आए. इसके अलावा मौसम भी आम के लिए अनुकूल नहीं रहा. लगातार ओलावृष्टि, आंधी-तूफान और बारिश के कारण आम की पैदावार प्रभावित हुई.