मुंगेर:बिहार के मुंगेर जिले में गर्मी का मौसमशुरू होने के साथ ही किसान गरमा फसल की बुआई के लिए तैयारी में जुट गए हैं. कई किसान गरमा सब्जियों (Garma Vegetable In Munger) के लिए खेतों में बीजारोपण कर रहे हैं. गरमा सब्जियों की खेती बहुत ही लाभकारी (Benefit of Garma Vegetables Cultivation) मानी जाती है. किसान अगर बीजारोपण, बीज उपचार तथा उचित सिंचाई एवं देखभाल करे तो कम लागत में भी बेहतर उपज ले सकते हैं.
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गरमा की मुख्य सब्जियां:गरमा सब्जी के रूप में भिंडी, फ्रेंच बीन्स, बैगन, कद्दू, नेनुआ, करेला, खीरा, प्याज, ककरी की खेती किसान करते हैं. इसके लिए खेतों में बेहतर तरीके से तैयारी करनी होती है. अधिक उपज के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि, गरमा सब्जी की खेती के लिए किसान ट्रैक्टर चालित रोटावेटर या कल्टीवेटर से मिट्टी को कल्टी करवा सकते हैं एवं पाटा से समतल कर दें. इसके बाद डिबलर, ट्रांसप्लांटर से बीज उपचार के बाद बुआई या पौधा प्रतिरोपण करें.
कार्बनिक या प्लास्टिक मर्च का उपयोग: बता दें कि, उन्नत किसान गरमा फसल में आद्रता खाद एवं पोषक तत्व के वाष्पीकरण को रोकने के लिए कार्बनिक या प्लास्टिक मर्च का उपयोग करते हैं. इसके लिए किसान फसल अवशेष को हैप्पी सीडर, जीरो टिलेज से बुआई की हुई या कृत्रिम रूप से पत्ता या पुआल से पौध के जड़ क्षेत्र के चारों तरफ नमी बचाने के लिए ढंकते हैं. अब कुछ किसान प्लास्टिक मर्च का भी उपयोग करते हैं. प्लास्टिक मर्च के लिए किसान को सरकार प्रोत्साहित करने के लिए ₹14000 प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान भी देती है.