मुंगेर: बिहार के मुंगेर में मंगलवार की सुबह गंगटा थाना क्षेत्र के नजीरा गांव के पास ऑटो एवं ट्रक की भिड़ंत ( Munger Road Accident ) में चार लोगों की मौत हो गई. इस मौत के बाद इलाके में कोहराम मचा हुआ है. मृतक के गांव में मातमी सन्नाटा है. किसी ने अपना बेटा खोया, तो किसी ने अपना भाई. इस सड़क हादसे के बाद परिजनों ने कहा कि कोई अपने बेटे को इंजीनियर बनाना चाहते थे, तो कोई आईएएस बनाना चाहते थे.
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मुंगेर दुर्घटना में मृतक केशव के भाई कृष्णा ने बताया कि वह पटना में रहकर इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा है. उन्होंने कहा कि मेरा छोटा भाई केशव पढ़ने में होनहार था. वह इंटर फाइनल ईयर का छात्र था. बीए में जाने के बाद उसे हम पटना बुला लेते. वहीं वह पढ़ाई करते हुए आईएएस की तैयारी करता. केशव भी कई बार कहा था भैया बड़ा होकर मैं आईएएस बनूंगा. लेकिन दुर्भाग्य देखिए मेरा भाई आज इस दुनिया में नहीं रहा. उन्होंने कहा कि भाई ही नहीं एक दोस्त खोया है. कभी-कभी मेरा छोटा भाई हमें मोटिवेट भी करता था. आज वह नहीं है, मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा है. यह कहते-कहते वह भरभरा कर रोने लगा.
मृतक केशव के ग्रामीण कृष्णा ने बताया कि अगल-बगल के पूरे 4 गांव में केशव मैट्रिक में टॉप किया था. उसे 420 नंबर आया था. होनहार छात्र को हम लोगों ने खो दिया. हम लोग केशव को नहीं एक आईएएस को खो चुके हैं.
मुंगेर दुर्घटना में मोहनपुर गांव के रहने वाले 17 वर्षीय रितिक कुमार शर्मा की भी मौत हो गई. रितिक के बड़े पापा संजय शर्मा एवं चाचा नकुल शर्मा ने कहा कि रितिक के पिता पप्पू शर्मा को इतनी हिम्मत नहीं है कि वे अपने जवान बेटे का शव देख सकें. इसलिए हम लोग उसे घर पर ही छोड़ दिए हैं. उन्होंने कहा कि रितिक पढ़ने में तेज था. हम उसे लैपटॉप दिलाने वाले थे. इसी वर्ष वह मैट्रिक परीक्षा पास किया था. हमने कहा था कि जब मैट्रिक तुम फर्स्ट डिवीजन से पास करोगे तो तुम्हें लैपटॉप दिलाऊंगा. वह मैट्रिक फर्स्ट डिवीजन से पास कर गया था. हम उसे लैपटॉप दिलाते. सोमवार को ही तो मुंगेर जाकर लैपटॉप देख कर आया था. मैं शुक्रवार को उसे लैपटॉप दिलाने वाला था. लेकिन अब किसे लैपटॉप दूंगा. यह कहते हुए फफक-फफक कर वे रोने लगे.
मुंगेर दुर्घटना में राय टोला बनहरा के विपिन राय के 24 वर्षीय पुत्र मनीष कुमार की भी मौत हो गई. मनीष के बड़े भाई अभिषेक ने बताया कि हम लोग तीन भाई थे, बड़ा मैं हूं. मंझला मनीष तथा सबसे छोटा विक्रम है. उन्होंने कहा कि मनीष सभी तरह के चार चक्का वाहन चला लेता था. वह ऑटो से छात्र को नहीं पहुंचाता था. लेकिन दुर्भाग्य देखिए सब दिन मैं छात्र-छात्राओं को बिठाकर हवेली खड़गपुर ले जाता था. लेकिन आज ना जाने क्यों मेरा भाई मनीष खुद ऑटो लेकर चला गया. यह कहते हुए कि भैया आप पीछे से आइए मैं ऑटो को हवेली खड़गपुर स्टैंड में लगा दूंगा. वहां से कमांडर जीप लेकर अपने काम पर चला जाऊंगा. लेकिन दुर्भाग्य देखिए जिस ऑटो को लेकर वह हवेली खड़गपुर जा रहा था, वह दुर्घटनाग्रस्त हो गई. उसमें हमारे भाई का भी निधन हो गया. उसके दोस्त सौरभ ने कहा कि वह गांव का प्यारा था. सब लोगों का काम सुनता था. गांव का चहेता मनीष इस दुनिया में नहीं है. अब वह लौटकर नहीं आएगा. यह कहते हुए उनकी आंखें नम हो गई.
इस मुंगेर दुर्घटना में मोहनपुर गांव के रहने वाले संतोष पासवान की 16 वर्षीय सोनाली की भी मौत हो गई. सोनाली के निधन के बाद सोनाली के चाचा ने बताया कि सोनाली 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी. जिसमें सोनाली के बाद 14 वर्षीय प्रियंका कुमारी, 10 वर्षीय प्रीति, 8 वर्षीय सरस्वती तथा सबसे छोटा भाई आर्यन 6 वर्ष का है. घर की बड़ी बेटी होने के कारण जिम्मेदारियां भी बड़ी थी. मां के हर काम में वह हाथ बंटाती थी. आज वह नहीं रही. माता-पिता पर गम का पहाड़ टूट गया है. चाचा ने कहा, वह तो घर की बड़ी बेटी थी. हमें नहीं लगता कि वह दुनिया में नहीं है. हमें लगता है कि अभी वह दौड़ कर चली आएगी और चाचा-चाचा कह कर मेरे काम में भी हाथ बंटाने लगेगी. यह कहते हुए चाचा रोने लगे.
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