मुंगेर:मुंगेर विश्वविद्यालय (Munger University) में स्थायी कुलपति (VC) और कुलसचिव नहीं रहने के कारण विकास कार्य बाधित हैं. छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. छात्र राजद (RJD), एबीवीपी (ABVP) और जदयू (JDU) सहित अन्य संगठनों ने बड़े पदों पर स्थायी नियुक्ति की मांग की है.
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मुंगेर विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. रंजीत वर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद विश्वविद्यालय को स्थायी कुलपति नहीं देकर टीएमबीयू के कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता को विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. कुलसचिव का स्थानांतरण वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा कर दिया गया है. इनकी जगह टीएमबीयू के कुलसचिव डा. निरंजन प्रसाद यादव को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
मुंगेर विश्वविद्याल के प्रोवीसी प्रो डॉ. कुसुम कुमारी भी कार्यकाल पूरा होने के बाद चली गईं हैं. लेकिन मुंगेर विश्वविद्यालय में अभी तक प्रोवीसी की नियुक्ति नहीं हुई, न ही किसी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. छात्र संगठन लगातार इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को अब तक सुना नहीं जा सका. इसे लेकर छात्रों और पेंशनधारियों में काफी गुस्सा है.
मुंगेर विश्वविद्यालय में कुलपति, प्रति कुलपति और रजिस्ट्रार जैसे महत्वपूर्ण पदों पर स्थायी नियुक्ति नहीं होने से विश्वविद्यालय के लगभग एक लाख छात्रों का भविष्य अंधेरे में है. इस संबंध में छात्र संघ के नेता श्रवण कुमार ने कहा कि वर्तमान में मुंगेर विश्वविद्यालय का हाल बेहाल है. विलंबित सत्र, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, प्रोफेसरों की कमी और कई तरह के संसाधनों की कमी है. मुंगेर विश्वविद्यालय के लिए न तो अभी तक जमीन अधिग्रहण किया गया है और न ही पीजी का डिपार्टमेंट, पीएचडी की पढ़ाई शुरू हो पाई है.