मधुबनी: जिले के कमला बलान के पश्चिमी तटबंध नरुआर के पास बांध टूटने से गांव में नदी का पानी घुस गया. उसकी मरम्मती के लिए जब प्रमंडल 2 के अधिकारी वहां पहुंचे, तब लोगों ने उनका जमकर विरोध किया. ग्रामीणों ने बांध बनाने से साफ मना कर दिया. लाठी-डंडे के बल पर हमला करने का भी प्रयास किया. अधिकारियों को पुलिस का सहारा लेना पड़ा. विवाद इतना बढ़ गया कि डीएम और एसपी को भी आना पड़ा.
आपको बता दें कि कुछ साल पहले भी यहां बांध टूट गया था, जिसमें दर्जनों घर सहित दर्जनों लोगों की भी मौत हुई थी. इससे पहले भी कई बार यहां बांध टूट चुका है.
लोगों ने किया बांध मरम्मत का विरोध बांध के निर्माण से लोगों को परेशानी
स्थानीय लोगों का कहना है कि बांध का निर्माण हो जाने से उन्हें काफी परेशानी होगी. दीपावली के बाद बांध को वापस बांधने से लोगों को सहूलियत होगी. तबतक जो पानी गांव में घुसा है, वो नदी में वापस बहकर बाहर निकल जाएगा. पहले बांध बना देने से पानी गांव में हीं जमा हो जाएगा.
कुछ विस्थापित लोगों ने फैलाया था अफवाह
इस बाबत झंझारपुर एसडीएम अंशुल अग्रवाल ने बताया कि बांध पर कुछ विस्थापित लोगों ने अफवाह फैला दिया था. इसी के कारण लोगों ने मरम्मत के काम में रुकावट पैदा किया. उन्होने बताया कि लोग अधिकारियों को लाठी-डंडे से मारने पर उतारु हो गए थे. कुछ लोगों पर जल संसाधन विभाग द्वारा FIR दर्ज भी की गई है.
लोगों से बातचीत कर सुलझाया मामला
एसडीएम ने बताया कि लोगों से बैठकर बात की गई और उन्हें समझाया गया. बातचीत के दौरान लोगों को बताया गया कि प्रशासन और विभाग तत्काल प्रभाव के लिए बांध को सिर्फ बांधना चाह रहा है. इससे अधिक बारिश होने पर भी बांध में कटाव नहीं आएगी. इतना समझाने के बाद लोगों ने अपनी गलती स्वीकार की. आज से मरम्मत का काम फिर से शुरु हो गया है. जल्द ही काम पूरा कर लिया जाएगा.