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मधुबनी में मिथिला सभ्यता संस्कृति एवं संरक्षण समारोह का आयोजन, मंत्री विनोद नारायण झा ने की शिरकत - Mithila Culture and Conservation Festival organized in madhubani

समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री श्री झा ने कहा कि मिथिला के संरक्षण में ही पूरे मिथिलांचल का विकास समाहित है. मां जनक नंदनी के जन्मस्थली होने के कारण यहां के ऐतिहासिक धरोहरों को टूरिज्म स्थलों में परिवर्तन करना आवश्यक है. मिथिला में दर्जनों धार्मिक स्थल हैं, जिसको सहेजकर उसका विकास करना अति आवश्यक है.

मिथिला सभ्यता संस्कृति एवं संरक्षण समारोह का आयोजन

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Published : Oct 11, 2019, 5:28 PM IST

Updated : Oct 11, 2019, 7:25 PM IST

मधुबनी:जिले के किसान भवन झंझारपुर में 'मिथिला सभ्यता संस्कृति एवं संरक्षण पर समारोह' का आयोजन किया गया. समारोह का उद्घाटन बिहार सरकार के पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण और होमगार्ड के डीजे आर.के. मिश्रा समेत कई गणमान्य लोगों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.

मंत्री को सम्मानित करते आयोजक

अतिथियों को किया गया सम्मानित
समारोह में अतिथियों को मिथिला के रीति रिवाज के अनुसार पाग और गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया. इस दौरान कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे. समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री श्री झा ने कहा कि मिथिला के संरक्षण में ही पूरे मिथिलांचल का विकास समाहित है. मां जनक नंदनी के जन्मस्थली होने के कारण यहां के ऐतिहासिक धरोहरों को टूरिज्म स्थलों में परिवर्तन करना आवश्यक है. मिथिला में दर्जनों धार्मिक स्थल हैं, जिसको सहेजकर उसका विकास करना अति आवश्यक है. उन्होंने देश के दिवंगत पुर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई को याद करते हुए कहा कि उनके महान प्रयासों के कारण ही मिथिला भाषा को अष्टम सूची में शामिल किया गया था.

कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार

'धरोहर की रक्षा करना हमारा कर्तव्य'
वहीं, लोगों को संबोधित करते हुए होमगार्ड के डीजी आर.के. मिश्रा ने कहा कि मिथिला के लोग रोजी रोटी के लिए पलायन कर रहे हैं. जिसे रोकने के लिए कोई ठोस पहल करनी होगी. उन्होंने कहा कि मिथिला की संस्कृति विश्व के श्रेष्ठत्म संस्कृतियों में से एक है. यहां के विकास के लिए पर्यटन स्थलों का विकास करना जरुरी है. पर्यटन स्थल के विकसित होने पर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का सृजन हो सकेगा और उनका पलायन रुकेगा.

मिथिला सभ्यता संस्कृति एवं संरक्षण समारोह का आयोजन

मिथिला की संस्कृति विश्व में गौरव की पहचान
गौरतलब है कि मिथिला की संस्कृति आज भी विश्व में गौरव की पहचान है. इस धरती को विद्वानों का गढ़ कहा जाता है. आज भी इस घरती से पर जन्म लेने वाले लाल विश्व स्तर पर अपनी प्रतिभा बिखेर रहा है. इस भूमि के विकास के लिए यहां के बंद पड़े उद्योग धंधे को चालू करने के साथ-साथ बाढ़ सूखाड़ की समस्याओं को भी दूर करने की आवश्यकता है. इसी घरती से महाकवि विद्यापति ने भी जन्म लिया था. वे आदर्श पुरूष के साथ जन-जन के कवि के नाम से जाने जाते है. उनकी रचनाएं आज भी प्रासंगिक है.

समारोह में आए हुए लोग
Last Updated : Oct 11, 2019, 7:25 PM IST

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