मधुबनी: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में मधुबनी सीट पर मतदान होना है. यहां से इस बार कुल 22 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है. इसमें एनडीए के उम्मीदवार अशोक यादव, महागठबंधन के उम्मीदवार बद्री पूर्वे और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ शकील अहमद के बीच त्रिकोणीय मुकाबला काफी चिलचस्प होने वाला है. महागठबंधन के उम्मीदवार बद्री पूर्वे ने अपनी जीत का दावा किया है.
इन तीनों उम्मीदवारों के बीच चुनाव में जबरदस्त मुकाबला होने वाला है. ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि डॉ शकील अहमद के समर्थन में बसपा के उम्मीदवार अली असरफ फातमी ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. फातमी के नाम वापसी से शकील अहमद की उम्मीदवारी काफी मजबूती हो गयी है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस कैडर के वोट भी शकील अहमद को मिलेंगे.
महागठबंधन उम्मीदवार का क्या है कहना
महागठबंधन के उम्मीदवार बद्री पूर्वे ने कहा कि मधुबनी की जनता विगत 10 वर्षों से विकास के लिए उदास बैठी है और बंधक बनी हुई है. हम इससे यहां की जनता को निजात दिलाएंगे. यही हमारा चुनावी मुद्दा होगा. उन्होंने कहा कि मैं मधुबनी की जनता के विकास के लिए हर संभव प्रयास करूंगा. साथ ही उन्होंने मुकेश सहनी और तेजस्वी यादव को उन्हें टिकट देने के लिए धन्यवाद दिया.
10 साल से बीजेपी का है इस सीट पर कब्जा
क्षेत्र में चुनाव प्रचार काफी तेजी से चल रहा है. पिछले 2 चुनाव में इस सीट से बीजेपी को सफलता मिल रही है. वर्तमान में बीजेपी के हुकुमदेव नारायण यादव मधुबनी से सांसद हैं. इस बीजेपी ने उनके बेटे अशोक यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी इस सीट को किसी भी हाल में खोना नहीं चाहती है. अब देखना है कि अशोक यादव बीजेपी के भरोसे को सफलता में बदल पाते हैं कि नहीं.
जोरों पर है प्रचार प्रसार
फिलहाल बीजेपी के स्टार प्रचारकों की चुनावी सभा क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में आयोजित की जा रही है. सभी पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटी हुई है. अब देखना होगा कि मधुबनी लोकसभा में मोदी लहर और उनके स्टार प्रचारक असरदार साबित होंगे या फिर कोई और बाजी मार जाएगा.