मधेपुरा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बिहार में शराब बंदी का कदम काफी सराहनीय है. लेकिन राज्य में अब इसका साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है. शराब तस्करी का धंधा अब पैर पसारता नजर आ रहा है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के युवा अब पढ़ाई लिखाई छोड़कर पैसे की लालच में शराब की तस्करी कर रहे हैं.
दूसरे प्रदेश से पहुंच रहा शराब
1 अप्रैल 2016 से मुख्यमंत्री ने करोड़ों रुपये का आर्थिक नुकसान सहकर शराब बंदी का साहसिक कदम उठाया था. इससे कुछ दिनों तक शराब सेवन करने वालों की संख्या में कमी भी आई. लेकिन बाद में शराब माफियाओं की पहुंच पहले से भी ज्यादा शहर और ग्रामीण क्षेत्र के हर टोले कस्बे में बन गई. जिससे आज दूसरे प्रदेश और पड़ोसी देश नेपाल से शराब धड़ल्ले से यहां पहुंच रहा है.