मधेपुरा: पीएम मोदी का स्वच्छ भारत मिशन जिले में फेल होता दिख रहा है. दरअसल, ग्रामीणों के लिए बनी पोर्टेबल बॉयो टॉयलेट स्कीम यहां लाई तो गई लेकिन अब तक वह शुरू नहीं हुई है. करोड़ों की लागत में बने शौचालय जस के तस हैं. वहीं, कुछ लोगों ने दावा किया है कि इसके पीछे धांधली का खेल चल रहा है.
दरअसल, मधेपुरा नगर परिषद में स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत गरीब तबके के लोगों को मुफ्त में शौचालय उपलब्ध कराना था. जिसके लिए नगर परिषद ने साल 2017 में 4 करोड़ 41 लाख रुपये की लागत से पोर्टेबल बॉयो टॉयलेट की खरीदी की गई. वहीं, 2018 में करीब 900 लाभार्थी की सूची बनाकर इसे वितरित कर दिया गया. लेकिन, आजतक ये शौचालय टेक्नीशियन के नहीं आने के कारण चालू नहीं हो सका है और न ही सरकारी स्तर पर इसकी प्रोत्साहित राशि लाभार्थी को मिली है. जिससे ग्रामीण नाराज हैं.
करोड़ों की लागत से बना शौचालय अबतक नहीं हो पाया है चालू खुद के पैसे से करवा रहे काम ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि वे वोट देकर सरकार बनाए फिर भी उनके घर में शौचालय नहीं है. जिस कारण ग्रामीणों के में नाराजगी देखने को मिल रही है. यहां ग्रामीण खुले में शौच करने पर मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में शौचालय को चालू कराने के लिए खुद के पैसे से काम करवाना पड़ा. लेकिन, ज्यादा पैसे नहीं होने के कारण काम पूरा नहीं हो सका.
सरकारी काम में हो रहा घोटाला- पार्षद
नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड पार्षद मनीष कुमार का कहना है कि नगर परिषद लूट का अड्डा है. यहां एक भी योजना का लाभ लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाता है. उन्होंने कहा कि यहां घोटाला ही घोटाला होता रहता है. हाल ही में स्ट्रीट लाइट, एनजीओ और नल जल योजनाओं में घोटाले हो रहे हैं. यहां सारा काम गोपनीयता होता है. जिससे किसी को कोई जानकारी नहीं मिलती है. उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत वरीय अधिकारी को की गई है. जल्द ही इसकी जांच की जाएगी.