मधेपुरा: जनता कर्फ्यू के बाद से शहर के सड़कों पर लगातार सन्नाटा छाया हुआ है. लोग अपने-अपने घरों में दुबके हुए हैं. दो दिनों में घरों में बंद लोग कोरोना की लड़ाई में अपनी जिम्मेदारियों को संजीदगी से समझ रहे हैं. मंगलवार को सब्जी, दवाइयां, किराना और जरूरी समानों की दुकानें खुली जरूर लेकिन उन पर अन्य दिनों की अपेक्षा भीड़ काफी कम ही देखी गई.
मधेपुरा: कोरोना के भय के बीच रोजमर्रे के सामान के लिए घरों से निकले लोग
प्रधानमंत्री के जनता कर्फ्यू के आह्वान वाले दिन से शहरवासी घरों से बाहर नहीं निकले. इसलिए आज सुबह होते ही सामानों की खरीददारी कर रहे हैं. वैसे लोग जरूरी खरीददारी कर पुनः अपने-अपने घरों की ओर जा रहे हैं. दुकानदारों ने भी सरकारी नियमानुसार दुकानों को बंद रखा है. दुकानों पर इक्का-दुक्का लोग ही आकर जरूरी सामान खरीद रहे हैं.
निर्धारित समयानुसार दुकान खुले दुकान
गौरतलब है कि 22 मार्च प्रधानमंत्री के जनता कर्फ्यू के आह्वान वाले दिन से शहरवासी घरों से बाहर नहीं निकले. इसलिए आज सुबह होते ही सामानों की खरीददारी कर रहे हैं. वैसे लोग जरूरी खरीददारी कर पुनः अपने-अपने घरों की ओर जा रहे हैं. रोजमर्रा के सामानों की दुकानों पर इक्का-दुक्का लोग ही आकर जरूरी सामान खरीद रहे हैं. वहीं, जिले में टैम्पों, बसें और अन्य परिवहन के साधन पूर्णतया बंद रहे. हालांकि, कुछ गलत तरीके से दुकानें खोली गई थी जिन्हें पुलिस ने बंद करवाया.
बाहर से आने वाले लोगों की मॉनिटरिंग
स्थानीय लोग सरकार और स्थानीय प्रसाशन की ओर से जनहित में जारी कार्यक्रमों में हर संभव सहयोग करने की बात कह रहे हैं. वहीं, आमजन से भविष्य में भी 31 मार्च तक अपने निजी स्वार्थों से ऊपर उठकर पुलिस और प्रशासन की सहयोग करने की अपील की. जिला प्रशासन के अनुसार जिले में कोरोना वायरस संक्रमित किसी भी मरीज की अब तक पुष्टी नहीं हुई है. जितने भी बाहर से लोग आए हैं चिकित्सा विभाग उनका रोजाना मेडिकल मुआयना कर रहा है.