मधेपुरा: कोसी प्रमंडल के मधेपुरा जिले में किसानों का दुख कम होने का नाम नहीं ले रहा है. एक ओर जहां इस इलाके में बाढ़ और सुखाड़ का सबसे ज्यादा कहर रहता है. वहीं, सरकार की ओर से राजस्व वसूली का टारगेट दिए जाने के बाद जिला प्रशासन किसानों पर बोझ बढ़ा रहा है. जिले में किसानों से चार गुना लगान वसूला जा रहा है.
किसानों में जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ गुस्सा है. बता दें कि पहले लगान के रूप में किसानों को 7 एकड़ जमीन का मात्र 477 रुपये प्रति वर्ष लगता था. लेकिन, इस साल से 1 एकड़ जमीन के लिए 477 रुपये देने होंगे. जिला प्रशासन किसानों से 7 एकड़ के 3339 रुपये वसूल रहा है. इसके खिलाफ किसानों ने जांच की मांग की है.
क्या कहते हैं स्थानीय किसान?
स्थानीय किसानों का कहना है कि मधेपुरा में पहले ही किसान परेशान हैं. बरसात के मौसम में बाढ़ आती है और सूखे में सुखाड़ हो जाता है. जिसके कारण किसानों की स्थिति दयनीय बनी रहती है. जो किसान सिर्फ खेती पर आश्रित हैं, वे दाने-दाने को मोहताज रहते हैं. हाल ऐसा होता है कि उपजाऊ जमीन रहने के बावजूद उन्हें परिवार चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ती है. ऐसे में जिला प्रशासन का फरमान उनकी मुसीबतें बढ़ा रहा है.
स्थानीय किसानों ने लगाया आरोप डीएम ने जारी किया फरमान
बता दें कि चार गुना अधिक लगान के फरमान पर मधेपुरा के डीएम नवदीप शुक्ला कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं. जबकि किसानों का साफ कहना है कि डीएम ही इसके लिए दोषी हैं. डीएम नवदीप शुक्ला ने अनौपचारिक तरीके से बस इतना ही कहा कि सरकार के निर्देश पर लगान बढ़ाया गया है. जिले के गुस्साए किसानों ने मामले की जांच की मांग की है.