मधेपुरा:जिले से गुजरने वाले एनएच-106 विहपुर-वीरपुर और 107 महेशखूंट-पूर्णिया जर्जर हालत में पहुंच गया है. जिससे इस पर चलने वाले यात्री हमेशा सहमे रहते हैं कि कहीं कोई दुर्घटना न हो जाए. हैरत की बात ये है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि और वरीय अधिकारी इसी रास्ते से हर दिन गुजरते हैं. लेकिन इस ओर उनका ध्यान नहीं जाता है. वहीं, निर्माण के नाम पर पिछले तीन साल से सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. एनएच 107 मधेपुरा से पूर्णिया के बीच में इतनी जर्जर हो गई है कि अब वाहन चलना तो दूर लोगों को पैदल चलने में भी मुश्किल हो रही है.
मधेपुरा: जर्जर स्थिति में NH-106 और 207, जानलेवा साबित हो सकता है सफर
मधेपुरा में जर्जर एनएच लोगों के लिए जानलेवा बनता जा रहा है. वहीं, निर्माण के नाम पर पिछले तीन साल से सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. जिसकी वजह से स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है.
झील के रुप में तब्दील एनएच
वहीं, जितापुर बाजार से लेकर मुरलीगंज के बीच में तो एनएच झील के रुप में तब्दील हो गया है. इस एनएच से जिले के सभी वरीय अधिकारी समेत इस इलाके के विधायक सह बिहार सरकार के कैबिनेट मंत्री रमेश ऋषिदेव और नरेंद्रनारायण यादव भी गुजरते हैं. फिर भी कोई ध्यान नहीं है. बताया जा रहा है कि एनएच निर्माण का कार्य पिछले तीन साल से फाइलों में चल रहा है. हकीकत यह है कि निर्माण के नाम पर जगह-जगह एनएच को तोड़ जरूर दिया गया है. लेकिन निर्माण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. दिखावे के लिए कहीं-कहीं आधे अधूरे नाले का निर्माण कर छोड़ दिया गया है.
अधिकारी हैं बेखबर
बता दें कि यही स्थिति एनएच 106 की भी है. विहपुर-वीरपुर के बीच में मधेपुरा जिला मुख्यालय से लेकर नवगछिया सीमा तक सड़क की हालत इतनी बदतर है कि चौबीसों घंटे ट्रक बस फंसी रहती है. यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर चलने को मजबूर हैं. कोई दिन ऐसा नहीं है कि जिस दिन बड़ी दुर्घटना नहीं घटती है. इसके बावजूद निर्माण कार्य के प्रति अधिकारी चुप्पी साध रखी है. वहीं, जर्जर एनएच को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है.