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मधेपुराः संविधान दिवस के मौके पर बाल विकास परियोजना कार्यालय से निकाला गया जागरुकता मार्च

सीडीपीओ विनीता कुमारी ने कहा कि सभी कर्मियों और सेविकाओं के सहयोग से इस मार्च को निकाला गया है. इसके साथ ही प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों और प्रत्येक वार्ड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के ओर से मार्च निकाला गया है.

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जागरूकता मार्च

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Published : Nov 26, 2019, 6:09 PM IST

मधेपुराः संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है. इस मौके पर मधेपुरा जिले के बाल विकास परियोजना कार्यालय के कर्मियों ने एकजुट होकर जागरुकता मार्च निकाला.

संविधान दिवस पर निकाला गया जागरुकता मार्च
दरअसल, संविधान दिवस के मौके पर बाल विकास परियोजना कार्यालय के कर्मचारियों के साथ आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका और आशा ने सीडीपीओ विनीता के नेतृत्व में संविधान दिवस जागरुकता मार्च निकाला. सदर प्रखंड से शहर के कॉलेज चौक तक इस मार्च को निकालकर लोगों को संविधान के प्रति जागरूक होने की अपील की गई. साथ ही इस मौके पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को भी याद किया गया.

संविधान दिवस पर निकाला गया जागरुकता मार्च

भीमराव अंबेडकर को किया गया याद
सीडीपीओ विनीता कुमारी ने कहा कि सभी कर्मियों और सेविकाओं के सहयोग से इस मार्च को निकाला गया है. इसके साथ ही प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों और प्रत्येक वार्ड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के ओर से मार्च निकाला गया है. जिससे लोग अपने संविधान के प्रति जागरूक होने के साथ-साथ संवेदनशील हो सकें.

संविधान विकसित करने में लगा था 2 साल का समय
गौरतलब है कि 1947 में आजादी मिलने के साथ ही देशभर में शासन चलाने के लिए एक सुदृढ़ संविधान की जरूरत महसूस होने लगी थी. जिसके बाद बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान सभा का गठन हुआ और एक व्यापक संविधान विकसित करने में लगभग दो साल का समय लगा था.

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