बिहार

bihar

ETV Bharat / state

मधेपुरा के एक हजार बच्चे कोटा में हैं फंसे, परिजन बोले- वो फोन पर रो रहे हैं - मधेपुरा के 1 हजार बच्चे कोटा में हैं फंसे

सदर प्रखंड स्थित पड़रिया गांव के पीड़ित अभिभावक शंभु नारायण यादव ने बताया कि जब मोबाइल पर बच्चे रोने लगते हैं, तो हम लोग परेशान हो जाते हैं. इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जल्द से जल्द कोटा में फंसे बच्चों को लाने पर विचार करना चाहिए.

मधेपुरा
मधेपुरा

By

Published : Apr 23, 2020, 8:43 AM IST

Updated : Apr 23, 2020, 9:58 AM IST

मधेपुरा: देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के रोगियों की संख्या को देखते हुए 3 मई तक लॉकडाउन घोषित है. इससे कोटा में फंसे हजारों छात्रों के लिए मुसीबत खड़ी हो गयी है. कोरोना वायरस को लेकर छात्र काफी भयभीत हैं. उनके परिजनों को उनकी चिंता सता रही है.

पेश है एक रिपोर्ट

मधेपुरा जिले के कई लोगों के बच्चे कोटा में रहकर पढ़ाई करते हैं. उनके अभिभावक सीएम नीतीश कुमार से बच्चों को लौटने के लिए व्यवस्था की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि कोटा में बच्चे भयवश रात दिन खाना पीना छोड़कर रोते रहते हैं. अगर बच्चे को नहीं लाया गया, तो बच्चे डिप्रेशन के शिकार हो जाएंगे. बच्चों को कोटा से लाने के लिए सरकार को खर्च देने की भी बात कह रहे हैं.

'बच्चे मोबाइल पर रोने लगते हैं'
वहीं, मधेपुरा ज़िले के लगभग एक हजार बच्चे कोटा में फंसे हैं. सदर प्रखंड स्थित पड़रिया गांव के पीड़ित अविभावक शंभु नारायण यादव ने बताया कि जब मोबाइल पर बच्चे रोने लगते हैं, तो हम लोग परेशान हो जाते हैं. इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जल्द से जल्द कोटा में फंसे बच्चों को लाने पर विचार करनी चाहिए.

Last Updated : Apr 23, 2020, 9:58 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details