लखीसराय: बिहार सरकार नल योजना को घर घर पहुंचाने का दावा करती है. लेकिन बिहार के लखीसराय जिले से 20 किलोमीटर दूर रामपुर गांव तक आते आते दम तोड़ती नजर आती है. आजादी के 75 साल होने को हैं फिर भी गांव में ना तो बिजली पहुंची है और ना ही नल जल योजना. एक कुएं के सहारे कई महादलित परिवार अपनी जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं. पीने के पानी के लिए लोग कुएं के पास लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं. ये तस्वीरें बताने के लिए काफी हैं कि सरकारी दावों और हर हकीकत में कितना फर्क है.
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20 साल से कुआं ही सहारा: बिहार सरकार ने हर गांव, कस्बे और मोहल्ले के लिए 'हर घर नल का जल' योजना बना रखी है. सीएम नीतीश अपने इसी सात निश्चय योजना के बूते बिहार में सरकार बनाने में सफल रहे. फिर भी हकीकत ये है कि 'रामपुर' जैसे गांवों को पीने का शुद्ध और सुविधाजनक पानी भी नहीं मिल पा रहा है. रामपुर गांव के लोग 20 साल से इसी कुएं से पानी भरते हैं. इस दौरान कई बार पानी भरने को लेकर झड़प तक हो जाती है. महादलित बस्ती के लोगों का कहना है दबंग उन्हें नल से पानी नहीं लेने देते. इसलिए उन्हें इसी कुएं पर आना पड़ता है.
पानी के लिए दबंगों से संघर्ष: सरकारों का दायित्व है कि लोगों तक कम से कम पीने का साफ पानी मुहैया कराए. लेकिन सरकार के नुमाइंदे इसमें नाकाम नजर आते हैं. इस संबंध में महा दलितों की बस्ती में रहने वाले लोगों का कहना है कि कई बार पानी को लेकर जिलाधिकारी के सामने तक समस्या को लेकर आवेदन दिया लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. कुछ दिन पूर्व ही रामपुर गांव में 'हर घर नल जल' योजना को लेकर एक पानी की टंकी गाड़ी गई लेकिन महा दलितों की बस्ती में आने से पहले दबंगों के द्वारा बस्ती में पानी आने नहीं दिया गया. जिसकी वजह से हर दिन पानी भरने के लिए लोग अपने घरों से तसले, बाल्टी और अन्य तरह के बर्तन को लेकर लोग पानी भरने जाते हैं. इस दौरान लंबी कतार देखने को मिलता है.
प्रशासन की सफाई: लखीसराय जिले में पदस्थापित कनिय अभियंता एसपी सिंह (बी ई एस) अपने कार्यालय में नहीं थे वह अपने फील्ड वर्क को लेकर पटना गए हुए थे. इस मामले में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने फोन कॉल पर बताया कि रामपुर गांव में पहले पानी की पाइप बिछाई गई थी. लेकिन पाइप के पानी में कहीं पर दिक्कत हो गई थी. जिसकी वजह से फिर से दोबारा पाइप बिछाने का आदेश दिया गया है. उसके बाद ही गांव में पानी पहुंच पाएगा. हालांकि इसकी जानकारी जिला अधिकारी को दे दिया गया.