बिहार

bihar

ETV Bharat / state

'सख्त पहरे के बीच दो साल तक होता रहा दुष्कर्म', रेड लाइट एरिया से बरामद नाबालिग का खुलासा - etv bharat news

किशनगंज एसपी डॉक्टर इनामुल हक को खगड़ा रेड लाइट एरिया (kishanganj khagda Red Light Area) में एक युवती के बेचे जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उस नाबालिग लड़की को छुड़ा लिया, जिसे दो साल पहले समस्तीपुर से ह्यूमन ट्रैफिकिंग कर रेड लाइट एरिया में रखा गया था.

नाबालिक लड़की
नाबालिक लड़की

By

Published : Jul 5, 2022, 2:14 PM IST

किशनगंजः बिहार केसमस्तीपुर से दो साल पहले लापता हुई एक नाबालिक लड़की (Police recoverd Minor From Red Light Area In Kishanganj) को पुलिस ने किशनगंज केखगड़ा रेड लाइट एरियासे बरामद कर लिया है. ये लड़की समस्तीपुर के लोकल ट्रेन से ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार हुई थी. जिसे मानव तस्करों ने किशनगंज खगड़ा रेड लाइट एरिया में बेच दिया था. इसके बाद से ही उससे जबरन देह व्यापार का धंधा (Sex Racket in Kishanganj) कराया जा रहा था. इस मामले में सोमवार को महिला थाने में 11 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. जिसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं.

ये भी पढ़ें-4 बच्चों के बाप ने युवती को प्रेम जाल में फंसाया, वीडियो से ब्लैकमेल कर बना दिया कॉल गर्ल

नाबालिग ने किए कई चौंकाने वाले खुलासेः इस मामले में मुक्त कराई गई नाबालिग ने कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं. पीड़ित ने कल्याणपूर समस्तीपूर के कृष्ण कुमार चौधरी और खगड़ा के बिनोद कुमार खलीफा पर समस्तीपूर जिले से नशिला पदार्थ खिलाकर लोकल ट्रेन से गायब करने का आरोप लगाया गया है. वहीं, जबरन देह व्यापार करवाये जाने के मामले में खगड़ा के कृष्णा खलीफा, अंजू देवी, प्रमोद खलीफा, आजाद ,मिनी, मारूफ, विवेक कुमार व अमर कुमार के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करवायी गई है.

ये भी पढ़ेंःवैशाली के होटलों में छापेमारी, आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए 6 युवती और 5 युवक

सख्त पहरे में रखी गई थी नाबालिगः नाबालिग ने अपने बयान में पुलिस को बताया है कि उसे जब उसे किशनगंज खगड़ा रेड लाइट एरिया लाया गया, तब घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता था. उसे सुनसान स्थल पर रखा गया था. जिस कारण वह ये नहीं समझ पा रही थी की उसे किस स्थान पर रखा गया है. पांच माह के बाद उसे यह पता चला की उसे खगड़ा रेड लाइट एरिया में रखा गया है. उसे वहां नाम बदलकर रखा गया था ताकि किसी को कुछ भी पता न चल सके. इस बीच पिड़ित नाबालिग को कभी इस्लामपुर, पांजीपाड़ा तो कभी गुलावबाग तो फिर किशनगंज खगड़ा रेड लाइट एरिया में रखा जाता था. इतना नहीं नहीं नामजद आरोपियों के द्वारा युवती के साथ दुष्कर्म भी किया जाता था.

"मेरे साथ बुरा व्यवहार किया जाता था, वहां से निकलना भी चाहती थी तो देह व्यापार करवाने वालों के सख्त पहरे के कारण चाह कर भी वहां से निकल नहीं पाती थी. कई बार वहां से निकलने की कोशिश भी की लेकिन सफल नहीं हो पाई. मेरे साथ गलत काम किया जाता था. जिससे मैं काफी परेशान हो गई थी. मुझे कुछ समझ में नहीं आता था क्या करें. पांच माह के बाद यह पता चला की मुझे खगड़ा रेड लाइट एरिया में रखा गया है"- पीड़ित लड़की

अवैध देह व्यापार की सूचना मिल रही थी. सूचना पर वरीय पुलिस पदाधिकारीयों के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. टीम के द्वारा खगड़ा रेड लाइट एरिया में छापेमारी में आठ को हिरासत में लिया गया है. इनसे पूछताछ की जा रही है. वहीं हिरासत में लिए दो महिला में एक महिला देह व्यापार की संचालक है जो अपने घर में बाहर से लड़कियों को लाकर देह व्यापार का धंधा करवाती थी. वहीं पुलिस की छापेमारी की भनक दूसरे दलालों को लगते ही वो मौके से फरार हो गए.'- डॉक्टर इनामुल हक मेगनु, एसपी

आगे की कार्रवाई में जुटी पुलिसः इधर प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद पुलिस केस की तफ्तीश में जुट गई है. महिला थानाध्यक्ष पुष्पलता कुमारी ने बताया कि आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया गया है. इस मामले में पुलिस ने देह व्यापार संचालिका मिन्नी खातून सहित चार लोगों को सोमवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. बता दें कि रविवार को खगड़ा रेड लाइट एरिया में छापेमारी के दौरान ये मामला सामने आया था.

पहले भी यहां पुलिस ने की थी कार्रवाई :बता दें कि इससे पहले 14 मई को भी हुई छापेमारी के बाद महिला थानाध्यक्ष पुष्पलता कुमारी के बयान पर जबरन देह व्यापार कराने वाले पांच लोगों पर महिला थाना में मुकदमा दर्ज किया गया था. महिला थाना में कांड संख्या 21/22 में मामला दर्ज हुआ था. दर्ज प्राथमिकी में लोगों पर बाहर से लड़कियों को लाकर अपने घर में रखकर जबरन अनैतिक व्यापार का धंधा करवाने का आरोप लगाया था.

कई आरोपी अभी भी फरार : मामला दर्ज होने के डेड़ महीना बीत जाने के वाबजूद पुलिस एक भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर पाई. छापेमारी के बाद रेड लाइट एरिया के संचालक और दलाल कुछ दिनों के लिए अपना ठिकाना बदल लेते हैं. पंजीपारा, पूर्णिया, बहादुरगंज, प्रेम नगर और कई अन्य ठिकानों पर छुप जाते हैं. मामला शांत होते ही फिर से खगड़ा रेड लाइट एरिया में कूच कर जाते है और फिर से धंधा करने लगते हैं. अब तक दर्जनों बार पुलिस छापेमारी कर युवतियों को बरामद भी किया है और दलालों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा है. लेकिन पुलिस के कार्रवाई के कुछ दिन बाद ही फिर से दोबारा इस बदनाम गली में धंधा शूरू कर दिया जाता है.

रेड के कुछ दिनों बाद फिर शुरू हो जाता है धंधा : इस रेड लाइट एरिया के चारों ओर आवासीय मोहल्ला और इस एरिया के बीच से मेन सड़क भी गुजराती है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि इसी सड़क से कई आवासीय मोहल्ले की लड़कियां पढ़ाई के लिए सुबह-शाम आना-जाना रहता है. लेकिन पढ़ाई करने वाले लड़कियों को इन बदनाम गली के कारण आये दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिस कारण स्थानीय लोग इस धंधा को बंद करने के लिये कई बार प्रशासन से गुहार भी लगा चुके हैं. 2021 में हुई पुलिस छापेमारी के बाद यहां देहव्यापार का धंधा बंद हो गया था. जिससे स्थानीय लोगों मे खुशी थी. छापेमारी के कई माह तक इस बदनाम गली में देह व्यापार का धंधा बंद रहा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details