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किशनगंज में उफान पर नदियां, 5 प्रखंडों के हजारों लोग प्रभावित

पिछले कई दिनों से नेपाल के तराई में लगातार हो रही बारिश की वजह से महानंदा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है. जलस्तर बढ़ने से तटीय इलाकों में नदी का पानी लोगों के घरों में घुसने लगा है. इस दौरान बाढ़ की सबसे ज्यादा तबाही दौला पंचायत में देखने को मिल रही है.

किशनगंज
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Published : Jul 15, 2020, 9:47 PM IST

किशनगंज: महानंदा, डॉक, कन्कई, बूढ़ी कन्कई और रतुआ किशनगंज इन 5 मुख्य नदियों से घिरा हुआ है. ये नदियां मानसून के साथ ही उफान मारने लगती हैं. वहीं, प्रतिवर्ष किशनगंज जिले को सबसे ज्यादा प्रभावित महानंदा नदी करती है. जिसकी जद में किशनगंज प्रखंड, कोचाधामन प्रखंड, टेढ़ागाछ प्रखंड और ठाकुरगंज प्रखंड आते हैं.

पिछले कई दिनों से नेपाल के तराई में लगातार हो रही बारिश की वजह से महानंदा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है. जलस्तर बढ़ने से तटीय इलाकों में नदी का पानी लोगों के घरों में घुसने लगा है. इस दौरान बाढ़ की सबसे ज्यादा तबाही दौला पंचायत में देखने को मिल रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मंंझोक गांव की सड़क बही
बता दें कि महानंदा नदी के तेज बहाव ने पंचायत के मंझोक गांव स्थित सड़क समेत कई घरों को अपने आगोश में समेट लिया है. जिससे लोगों को काफी जद्दोजहद का सामना करना पड़ रहा है. घर डूब जाने के कारण लोग किसी भी तरह सड़कों पर प्लास्टिक के टेंट बनाकर अपना गुजर-बसर करने को विवश हैं.

बाढ़ प्रभावित स्थानीय और मवेशी

'मुहैया कराई जाय प्रशासनिक सुविधाएं'
स्थानीय प्रकाश लाल यादव ने बताया कि बाढ़ के पहले प्रशासनिक तैयारी पूरी नहीं होने के कारण हमें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, अब महानंदा नदी उफान पर है. तब जिला प्रशासन द्वारा हमें बांस के जरिए नदी के पानी को रोकने की सलाह दी जा रही है.

बाढ़ प्रभावित

उन्होंने बताया कि देखते ही देखते कई घर और सड़कें नदी में समा गई हैं. वहीं, नीला देवी ने कहा कि अब हम लोग सड़क पर अपने परिवार के साथ तिरपाल लगाकर सो रहे हैं. हम लोगों की मांग है कि प्रशासन द्वारा सरकारी सुविधाएं मुहैया कराई जाय. ताकि हम लोग दो वक्त की रोती खाकर रात में बिना डर के सो सकें.

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