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किशनगंज में जर्जर आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने को मजबूर छोटे-छोटे बच्चे - आंगनबाड़ी

आंगनबाड़ी केंद्रों की हालात तो बद से बदतर हो चुकी है. आंगनबाड़ी केंद्रों में ना तो कोई शौचालय है और ना ही अपना कोई भवन.

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Published : May 14, 2019, 6:59 PM IST

किशनगंज: जिले में शिक्षा का स्तर बहुत ही नीचे जा चुका है. बात चाहे प्राथमिक स्कूलों की हो या फिर आंगनबाड़ी केंद्रों की. सभी जगहों पर हालात दयनीय हैं.

आंगनबाड़ी केंद्रों की हालात तो बद से बदतर हो चुकी है. आंगनबाड़ी केंद्रों में ना तो कोई शौचालय है और ना ही अपना कोई भवन. किशनगंज के आंगनबाड़ी केंद्रों की अगर बात करें तो सरकार द्वारा किये गए सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. यहां छोटे-छोटे बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ने के लिए मजबूर हैं.

आंगनबाड़ी के बच्चे

नहीं है भवन की सुविधा

अगर बात भवन की करें तो आंगनबाड़ी केंद्रों में भवन के नाम पर टूटे-फूटे टिन से बने झोपड़ी है. जहां बच्चे जमीन पर बोरा बिछाकर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. आंगनबाड़ी केंद्र की सहायक ने बताया कि उन्हें समय से भवन का किराया तक नहीं मिलता है.

आंगनबाड़ी केंद्रों की हालात दयनीय

जिला पदाधिकारी का आश्वासन

इस मामले में किशनगंज जिला पदाधिकारी ने कहा कि ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र पक्के मकानों में संचालित हो रहे हैं. साथ ही केंद्रों के शौचालय निर्माण के लिए पैसे आ गए हैं. चुनाव के बाद सभी केंद्र में पैसे दे दिए जाएंगे और जो केंद्र किराए के कमरे में चल रहे हैं वहां पक्के भवन बनाए जायेंगे.

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