किशनगंज:मुस्लिम बहुल जिला किशनगंज मे शब-ए-बारात त्योहार को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच काफी उत्साह और चहल-पहल देखने को मिला. सारी रात इबादत का दौर चलता रहा. इबादत के इस त्योहार के लिए किशनगंज के कब्रिस्तान और मस्जिदों में खास तरह की सजावट दिखी.
दरअसल, मुस्लिम हिजरी कैलेंडर के मुताबिक शाबान माह की 15वीं तारीख (20 अप्रैल, रविवार) को शब-ए-बारात का त्योहार मनाया गया. देर शाम से ही जिले के कब्रिस्तानों में लोगों की भीड़ उमड़ने लगी. साथ ही रात भर लोगों का आना-जाना लगा रहा.
शब-ए-बारात की मान्यता
मुस्लिम जानकर बताते हैं कि पिछले साल किए गये कर्मों का लेखा-जोखा तैयार करना और आने वाले साल की तकदीर तय करने वाले रात को शब-ए-बारात कहा जाता है. इस रात को पूरी तरह इबादत करते हुए गुजारने की परंपरा है. नमाज, तिलावत-ए-कुरआन, कब्रिस्तान की जियारत और हैसियत के मुताबिक खैरात करना इस रात के अहम हिस्सा है. इस्लामी मान्यता के अनुसार शब-ए-बारात की रात इबादत का दौर सारी रात चलता है. इस रात को मुस्लिम समुदाय के लोग अपने उन परिजनों जो दुनिया से रूखसत(मर) हो चुके हैं, उनकी मोक्ष की दुआएं करने कब्रिस्तान जाते हैं.