किशनगंज:भ्रष्ट अधिकारियों के चलते किशनगंज स्वास्थ्य विभाग की हालत खराब है. आए दिन घूस और भ्रष्टाचार करने के मामले सामने आते रहते हैं. लेकिन जांच की खानापूर्ती करने के बाद मामला रफा-दफा कर दिया जाता है. इस बार सिविल सर्जन के नाक के नीचे बैठने वाले प्रधान लिपिक उमेश चौधरी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. दरअसल, इनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा. जिसमें वह काम के बदले घूस लेने-देन की बात करते हुए दिखाई (Clerk Of Kishanganj Civil Surgeon Taking Bribe) पड़ रहे हैं. मामला बढ़ता देख अब डीएम श्रीकांत शास्त्री (DM Shrikant Shastri) ने जांच के आदेश दिए हैं.
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किशनगंज में प्रधान लिपिक का घूस लेते वीडियो वायरल "50 की बात हुई है, एक ही बार लेंगे":वीडियो बनाने वाला व्यक्ति प्रधान लिपिक के दफ्तर के अंदर जाता है. इसके बाद कुछ देते हुए कहा है कि इसको रख लीजिए. जिस पर लिपिक कहता है कि इसके लिए निश्चिंत रहिये. एक ही बार ले लेंगे. आपके साथ पहली बार काम किए हैं. वीडियो में आगे लिपिक पैसे के बारे में पूछते हुए कहता है कि कितना बोला है. जिस पर दूसरा व्यक्ति जवाब देते हुए कहता है कि वो 40 का बोल रहा था. लिपिक आगे कहता है कि फिर झूठ बोल रहा है, बुलाइये तो जरा उसको. इसके बाद एक तीसरे व्यक्ति की आवाज आती है. वीडियो में आगे पचास हजार पर सहमति बनती है.
एक्स-रे लैब खोलने के लिए घूस की मांग:दरअसल, प्रधान लिपिक उमेश चौधरी ठाकुरगंज के एक एक्सरे टेक्नीशियन से लैब खोलने की अनुमति देने के एवज में 50 हजार रुपए घूस की मांग कर रहा था. ऐसे में एक्सरे टेक्नीशियन ने लिपिक का घूस मांगते वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वीडियो के वायरल होते ही मामले ने तूल पकड़ लिया है.
मामला ठाकुरगंज प्रखंड के पोआखाली स्थित मरघुब डिजिटल एक्सरे का है. कुछ दिन पूर्व जिले में संचालित अवैध नर्सिंग होम, क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब और एक्सरे सेंटरों की जांच हुई थी. इस दौरान एक्सरे सेंटर के पास लाइसेंस नहीं होने के कारण सील कर दिया गया. जिसके बाद इसी एक्सरे सेंटर को खोलने और लाइसेंस देने के नाम पर सिविल सर्जन कार्यालय के प्रधान लिपिक उमेश चौधरी से 50 हजार रुपए की मांग कर रहे थे. जिसका वीडियो अब वायरल हो रहा है.
"सिविल सर्जन कार्यालय के प्रधान लिपिक का मामला संज्ञान में आया है. मामले में सिविल सर्जन को बुलाकर जानकारी ली गई है. इस मामले को लेकर हमने तीन सदस्य जांच टीम का गठन किया है और एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट देने का निर्देश भी दिया है. जांच रिपोर्ट आने के उपरांत प्रधान लिपिक पर कार्रवाई की जाएगी. भ्रष्टाचार करने वाले किसी भी पदाधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा"-श्रीकांत शास्त्री, जिलाधिकारी, किशनगंज
जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित:गोपालगंज जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है. जांच टीम को एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट देने की आदेश दिया गया है जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रधान लिपिक पर कारवाई की जाएगी. बता दें कि प्रधान लिपिक उमेश चौधरी दशकों से किशनगंज सिविल सर्जन कार्यालय में जमे हुए हैं. आज तक प्रधान लिपिक का स्थानांतरण नहीं हुआ है. विभाग के लोग भी इनके कार्यशैली से नाराज हैं.