बिहार

bihar

ETV Bharat / state

किशनगंज में नेपाल से आए हाथियों ने मचाया उत्पात, कई मकान तोड़े, फसलें की बर्बाद

किशनगंज में जंगली हाथी ने लोगों के घरों को तोड़ डाला है. लोगों का कहना है कि 9 हाथियों के झुंड ने उत्पात मचाया है. लोग इससे डरे और सहमे हुए हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

किशनगंज में हाथियों ने मचाया उत्पात
किशनगंज में हाथियों ने मचाया उत्पात

By

Published : Mar 2, 2022, 10:01 PM IST

किशनगंज: किशनगंज में जंगली हाथी (Elephant Broke People Houses in Kishanganj) ने उत्पात मचा रखा है. दिघलबैंक प्रखंड में इन दिनों नेपाल से जंगली हाथियों के भारतीय क्षेत्र में घुसने और उत्पात मचाये जाने से ग्रामीण दहशत में हैं. बीते दो दिनों से दिघलबैंक प्रखंड के करूवामनी पंचायत अंतर्गत गर्भनडांगा बाजार से सटे हरिजन टोले में जंगली हाथियों ने 9 कच्चे मकानों को नष्ट कर दिया है. जिससे लोग भयभीत और परेशान हैं. नेपाल से घुसे हाथियों ने भारतीय हिस्से में जमकर उत्पात मचाया है. किशनगंज जिले के दिघलबैंक एलिफेंट कॉरिडोर में फसल से लेकर घरों तक को नुकसान पहुंचाया है.

यह भी पढ़ें- किशनगंजः देर शाम गांव में घुसा हाथी, लोगों में मचा हड़कंप

9 हाथियों ने मचाया उत्पातः गर्भनडांगा थाना क्षेत्र के दिघीबाड़ी महादलित टोला में आधी रात को घुसे 9 हाथियों के झुंड ने तबाही मचाई है. गांव में करीब 9 से 10 कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचाया है. दिघलबैंक अंचल अधिकारी अबू नसर, करूवामनी पंचायत के मुखिया अब्दुल मजीद सहित अन्य जनप्रतिनिधि गांव पहुंच कर पीड़ित का जायजा लिया है. गौरतलब है कि नेपाल सीमा से सटे दिघलबैंक के धनतौला क्षेत्र में पिछले एक दशक से हाथियों का उत्पात जारी है.

घर से बेघर हुए लोगः इस सीजन में करीब 10 से 12 हाथियों ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया है. जिससे काफी नुकसान हुआ है. हालांकि किसी व्यक्ति के घायल होने की पुष्टि प्रशासन द्वारा नहीं की गई है. आठगछिया मुखिया प्रतिनिधि तनवीर आलम का कहना है कि हाथियों के उत्पात से लगातार लोग घर से बेघर हो रहे हैं. लोगों के पास घर बनाने के लिए तो क्या, मरम्मत तक के पैसे नहीं हैं. ऐसे में इन परिवारों को आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए.

तय हो सुरक्षा मानकः करुवामनी पंचायत के मुखिया अब्दुल मजीद ने कहा है कि नेपाल के जंगलों से निकले हाथियों का उत्पात इस क्षेत्र में लगातार जारी है. जिसकी वजह से काफी क्षति हो रही है. लेकिन मुआवजा या मदद को लेकर प्रशासन द्वारा किसी तरह के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. और ना ही वन विभाग की टीम इस क्षेत्र में तैनात की जा रही है. ये एलिफेंट कॉरिडोर एरिया है. हाथियों का आना जाना हमेशा लगा रहता है. इसलिए सुरक्षा मानक तय होना जरूरी है.

दिया जाएगा मुआवजाः दिघीबाड़ी दलित टोला का जायजा लेने के बाद सीओ अबू नसर ने कहा है कि आपदा राहत कोष से सभी पीड़ित परिवारों को मदद मिलेगी. पहले भी जिन ग्रामीणों को नुकसान पहुंचा है, उन्हें भी राहत राशि मुहैया कराने के लिए उनके स्तर से पहल की जा रही है. उन्होंने ग्रामीणों को अलर्ट रहने की बात कही है. मंगलवार की रात्रि वन क्षेत्रीय पदाधिकारी यूएन दुबे के नेतृत्व में दिघलबैंक के बारहभांग इलाके से जंगली हाथियों के झुंड को वापस नेपाल भेजने के लिए प्रयास तेज किया गया.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP


ABOUT THE AUTHOR

...view details