किशनगंज:जिले में धड़ल्ले से निजी जांच केंद्र खोले जा रहे हैं. जहां जांच के नाम पर मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. ताजा मामला कैलटेक्स चौक स्थित सोनोस्कैन डायग्नोस्टिक सेंटर का है. जहां एक युवक की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में स्त्री शरीर के पार्ट्स बताए गए. मौजूदा समय में युवक डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहा है.
बताया जाता है कि खानका चौक निवासी कैफ अली को पेट दर्द की शिकायत हुई. जिसके बाद बीते 14 अगस्त को वह सोनोस्कैन डायग्नोस्टिक सेंटर में अल्ट्रासाउंड जांच करवाने गया. जांच रिपोर्ट देखकर युवक और उनके परिजन काफी परेशान हो गए. दरअसल, रिपोर्ट में कहा गया कि युवक के बच्चा दानी में चर्बी जमा है.
डायग्नोस्टिक सेंटर से मिली रिपोर्ट
जांच रिपोर्ट में युवक के यूट्रस, राइट ओवरी और लेफ्ट ओवरी दर्शाया गया. उसी दिन युवक ने दूसरी जगह पर फिर से अल्ट्रासाउंड करवाया. जहां रिपोर्ट में पेट में पथरी बताया गया. इसके बाद गलत रिपोर्ट देने पर जब परिजन सोनोस्कैन डायग्नोस्टिक सेंटर शिकायत करने पहुंचे तो डायग्नोस्टिक सेंटर के कर्मचारियों ने अभद्र व्यवहार किया. साथ ही डायग्नोस्टिक सेंटर के ऑनर डॉक्टर मनीष कुमार ने इसे टाइपिंग मिस्टेक बताया. साथ ही डॉक्टर ने माना की उनके कम्प्यूटर में अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट का फॉर्मेट बना हुआ है. जिसमें कॉपी पेस्ट किया जाता है. इसी दौरान मिस्टेक हुआ है.
डॉक्टर ने लगाई कर्मचारियों को फटकार
वहीं, डॉक्टर ने बताया इस गलती के लिए उन्होंने कर्मचारियों को फटकार भी लगाया है. लेकिन सवाल सिर्फ फटकार की नहीं बल्कि इनकी लापरवाही से युवक डिप्रेशन का शिकार हो गया और काफी परेशान हुआ. साथ ही डॉ. मनीष ने परिजनों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप को बेबुनियाद बताया और कहा कि परिजन गलत आरोप लगा रहे हैं. बता दें कि सोनोस्कैन डायग्नोस्टिक सेंटर का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामले लापरवाही के आ चुके हैं. मालूम हो कि जिले के सबसे पुराना डायग्नोस्टिक सेंटर है. डॉ. मनीष ने भी माना कि उनके अल्ट्रासाउंड सेटर में रिपोर्ट का फॉरमेट कम्प्यूटर पर लोड है. एक-दो शब्द लिखने पर ही पूरा लाइन आ जाता है.
सोनोस्कैन डायग्नोस्टिक सेंटर में बड़ी लापरवाही मरीज के पिता ने दी जानकारी वहीं, मरीज के पिता मो. कैसल ने कहा कि गलत रिपोर्ट की वजह से उनका बेटा सदमे में है. काफी मानसिक तौर पर टूट चुका है. उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत हम स्वास्थ विभाग और सिविल सर्जन से करेंगे. साथ ही सोनोस्कैन डायग्नोस्टिक सेंटर की वजह से हमें जिस तरह से परेशान हुआ, आगे किसी के साथ ना हो. इसके लिए हम डॉक्टर के खिलाफ न्यायालय मे प्राथमिकी भी दर्ज करवाएंगे. मरीज के पिता मो. कैसल ने कहा कि यदि प्रिंटिंग मिस्टेक होता तो एक अक्षर या दो अक्षर गलती हो सकता था. लेकिन रिपोर्ट में तीन चार लाइन कैसे गलत हो सकता है. उन्होंने कहा कि अल्ट्रासाउंड मशीन की खराबी से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. पीड़ित परिवार ने बताई आपबीती धड़ल्ले से हो रहा काम
बता दें किशनगंज जिले में एक दर्जन से ज्यादा अवैध अल्ट्रासाउंड जांच केंद्र हैं. जहां कभी-कभार स्वास्थ्य विभाग कारवाई को लेकर काफी जोर-शोर से मैदान पर उतरते हैं. लेकिन कुछ दिन में ही मामला शांत हो जाता है. जिले में सिर्फ अवैध अल्ट्रासाउंड केंद्र ही नहीं, जांच पैथोलॉजी लैब और पॉली क्लीनिक और अवैध नर्सिंग होम भी धड़ल्ले से अपना पांव पसार दिया है.