शराबबंदी पर जीतनराम मांझी का बयान खगड़िया: बिहार के खगड़िया में गरीब सम्पर्क यात्रा (Garib Sampark Yatra in Khagaria) के तहत पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी शनिवार अलौली के सोनिहार सहित कई इलाकों में पहुंचे. मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि शराबबंदी के कारण बिहार के गरीब लोग पैमाल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को शराबबंदी की समीक्षा को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. इसमें मैं कहूंगा कि शराब पीने वाला अगर कोई पकड़ाए तो उसे दो से ढाई महीना से ज्यादा जेल में नहीं रखें. जीतन राम मांझी और लघु सिंचाई व एससी एसटी कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन गरीबों की स्थिति से अवगत होने को लेकर 12 फरवरी से बिहार का दौरा कर रहे हैं.
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मिश्री सदा की प्रतिमा पर किया माल्यार्पणः सबसे पहले कार्यक्रम की शुरुआत एमएस कॉलेज सोनिहार से मिश्री सदा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की गई. इसके बाद अलौली प्रखंड के दर्जनों महादलित टोला और गांवों में जाकर न केवल लोगों के आर्थिक व सामाजिक स्थिति की जानकारी ली, बल्कि उनके शिक्षा और आवास के साथ रोजगार के बारे में भी जानकारी ली. उन्होंने छोटी-छोटी सभा कर उनके बीच आने के उद्देश्य के बारे में बताया. साथ ही संगठित होकर एक साथ चलने और प्रमुख निर्णय को सामूहिक रूप से लेने को कहा. जीतन राम मांझी ने कहा कि लोगों के बीच सबका इरादा नेक हो, भारत के गरीबों एक हो नारा देकर लोगों को एकजुट होने के लिए प्रेरित किया.
शराबबंदी से सबसे ज्यादा गरीब लोग बर्बाद: बछौता भिड़याही मुसहरी पहुंचने पर पत्रकारों के सवाल पर जीतनराम मांझी ने कहा कि शराब बंदी से गरीब परिवारों को लाभ मिला है, मगर यह भी सही है कि शराब बंदी से सबसे ज्यादा तबाह भी गरीब वर्ग हुए हैं. उन्होंने कहा कि बार बार मेरे मांग किये जाने पर कई बार समीक्षा की गई और शराब बंदी कानून को लचीला बनाने की दिशा में पहल की गई. हम चाहते हैं कि एक बार सर्वदलीय बैठक कर शराबबंदी पर विचार विमर्श किया जाना चाहिए. एससी एसटी कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा कि आज भी महादलित परिवारों की स्थिति बड़े पैमाने पर ठीक नहीं है.
"शराबबंदी के कारण बिहार के गरीब लोग पैमाल हो रहे हैं.शराब पीने वाला अगर कोई पकड़ाए तो उसे दो से ढाई महीना से ज्यादा जेल में नहीं रखें और उन्हें छोड़ दें.मुख्यमंत्री को शराबबंदी की समीक्षा को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. बार बार मेरे मांग किये जाने पर कई बार समीक्षा की गई और शराब बंदी कानून को लचीला बनाने की दिशा में पहल की गई. हम चाहते हैं कि एक बार सर्वदलीय बैठक कर शराबबंदी पर विचार विमर्श किया जाना चाहिए"-जीतनराम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री
शिक्षा के साथ रोजगार और आवास की जरूरतः पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को शिक्षा देने के साथ ही रोजगार और आवास, देने कि जरूरत है. शराबबंदी को उन्होंने सही ठहराया. उन्होंने कहा कि शराब बंदी से सरकार एक्सीडेंट और घरेलू हिंसा को रोकने में सफल हुई है. लोगों का झुकाव बच्चों को शिक्षा देने की तरफ हुआ है. वहीं एनडीए से बढ़ती नजदीकी के सवाल को वो टाल गए. बहरहाल, लोकसभा चुनाव के पूर्व जीतन राम मांझी का सक्रिय होना. यह बता रहा है कि चाहे महागठबंधन हो या एनडीए, अगर तालमेल की बात बनी तो जीतन राम मांझी या उनकी पार्टी का भी बिहार में मजबूत जनाधार है. यह प्रमाणित करने की कोशिश की जा रही है.