खगड़िया: बिहार सरकार देश में नए भारत की बात करते हैं, बिहार में सभी जिलों में मॉडल थाने भी बन रहे हैं. लेकिन खगड़िया के मानसी थाना को बीते 23 साल में अपना एक भवन भी नसीब नहीं हुआ है. जो सिपाही जिले को सुरक्षा देते हैं. उन्हें एक छत तक नसीब नहीं है. चैन से सोने के लिए.
मानसी थाना 1995 में स्थापित हुआ था
जिले के मानसी थाना 1995 में स्थापित हुआ था. यह थाना पहले मानसी बाजार में किराए के मकान में चल रहा था. लेकिन 1995 में थाना नेशनल हाइवे 31 के निर्माण के लिए बने माल गोदाम में संचालित होने लगा. जब नेशनल हाइवे बन गया तब इसमें मानसी थाना को संचालित किया जाने लगा तब से थाना इसी माल गोदाम में चल रहा है.
छत भी नसीब नहीं
इस थाने में सिपाहियों को थकान मिटाने के लिए छत भी नसीब नहीं है. जिस भवन में सिपाही रहते हैं और सोते हैं वह छपरे का बना हुआ एक छोटा सा घर है. उसमें बड़े-बड़े छेद बने हुए हैं जिससे बारिश के दिनों में पानी आते रहता है और कमरा पानी से भर जाता है. मानसी थाना के सिपाहियों का कहना है कि गर्मी के दिनों में जहरीले सांप, बिच्छू कमरे में घुस आते हैं. उन्हें हर समय डर सताते रहता है कि छप्पर का बना हुआ छत गिर न जाए.
मानसी थाना की जर्जर अवस्था थाना भवन की बदहाली
मानसी थाना के कर्मचारियों का कहना है कि थाना में न ही पीने के पानी की व्यवस्था है और न ही शौचालय की. थाना भवन चारों तरफ से झाड़ और जंगल से घिरा हुआ है. मानसी थाना पर 7 पंचायतों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. इन पंचायतों में करीब 3 लाख की आबादी है. इतनी घनी आबादी की सुरक्षा के लिए थाने में सिर्फ 10 होमगार्ड 5 एसआई और 2 एएसआई की नियुक्ती है. थाने में विगत कई महीनों से मुंशी भी नहीं है और मुंशी का काम थाना के चौकीदार करते हैं. हालांकि इस मामले में अधिकारी कुछ भी बताने से बचते दिखे