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लोगों ने कहा- अंधा है नदी में बहा दो, आज संगीत में अपना जौहर दिखा रहा है बिहार का लाल

जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने छोटेलाल को अपने कार्यालय में बुलाया. उससे हारमोनियम पर उसके संगीत को नजदीक से जाना. छोटे लाल की प्रतिभा को देखते हुए इनाम भी दिया.

बिहार का होनहार बेटा छोटे लाल

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Published : Jun 1, 2019, 1:39 PM IST

खगड़िया:कहते है जब कुछ कर गुजरने की क्षमता हो तो कोई भी बाधा आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती है. खगड़िया के एक लाल ने इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है.
अंधापन भी नहीं बन सका रास्ते का रोड़ा
हम बात कर रहे हैं एक ऐसे युवक की जो जन्म से ही दोनों आंखों से अंधा है. फिर भी हौसलों के पंख के बूते लगातार अपनी उड़ान भर रहा है. ये कहनी किसी भी तरीके से फिल्मी से कम नहीं है. दरअसल खगड़िया के छोटे लाल नाम का ये युवक जन्म से ही नहीं देख सकता. लेकिन पढ़ाई और संगीत के लिए इन पर एक अलग ही धुन सवार है.

हारमोनियम पर कला का जौहर दिखाते छोटे लाल

छोटे लाल पंजाब के जालंधर अंध विद्यालय से सीबीएसई से द्वितीय श्रेणी में 56 प्रतिशत अंक लाकर मैट्रिक की परीक्षा पास की है. छोटे लाल को संगीत का ऐसा शौक है कि हारमोनियम बजाने के साथ भक्ति गीत भी गाते है. Etv bharat जब छोटे लाल के घर गई और उनसे बात की तो छोटेलाल सबसे पहले Etv bharat को धन्यवाद देते हुए अपनी आप बीती सुनाई.

उन्हें भी बाकी बच्चो की तरह आम स्कूल में पढ़ने का शौक था. लेकिन अंधे होने की वजह से उनका नामांकन आम विद्यालय में नही हो सका. किसी के माध्यम से जालंधर के अंध विद्यालय में पहुंच गए. विद्यार्थी जीवन के पहले कदम को बहुत सुनहरे तरीके से पास कर गए. छोटे लाल की तमन्ना संगीत शिक्षक बनने की है.

जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार को संगीत सुनाते छोटे लाल

अत्यंत गरीब होना परेशानी की वजह
छोटेलाल के पिता गरीब चौधरी अपनी आपबीती सुनाते हुए भावुक हो गए. पिता ने बताया कि छोटेलाल पैदा हुआ तो पता चला कि बच्चा अंधा है. मुझे दुख नहीं हुआ. लेकिन समाज के लोगों ने कहा कि आप पहले से इतने गरीब है. ऐसे में अंधा बच्चा आगे चल कर आप को परेशानी में डाल सकता है. इसलिए आप इसको नदी में बहा दीजिए.

बेटे पर गर्व करते पिता

पैरों पर खड़ा होने तक साथ नहीं छोड़ेंगे: पिता
लेकिन गरीब चौधरी ने समाज की बात को दरकिनार कर दिया. पिता होने का कर्तव्य पूरा करने के लिए मजदूरी कर बेटे को जालंधर पढ़ने के लिए भेजा. पिता कहते हैं कि चाहे जैसे भी हो जितना मेरा बेटा पढ़ेगा इसको पढायेंगे. जब तक अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो जाता इसका साथ नहीं छोड़ेंगे.
छोटे लाल के मित्र और पड़ोसी कहते हैं कि ये बचपन से ही होनहार है. जब भी गांव में कोई कीर्तन या भजन होता है. गाने बजाने के लिए छोटे लाल पहुंच जाता है.

बिहार का होनहार बेटा छोटे लाल

डीएम ने ETV bharat को दिया धन्यवाद
Etv bahratकी पहल के बाद जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने छोटेलाल को अपने कार्यालय में बुलाया. उससे हारमोनियम पर उसके संगीत को नजदीक से जाना. छोटे लाल की प्रतिभा को देखते हुए इनाम भी दिया. साथ ही आगे भी हरसम्भव मदद करने का आश्वासन दिया. साथ ही ETV bharatके सराहनीय कार्य के लिए धन्यवाद भी दिया.

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