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खगड़िया में NH-31 पर गंडक नदी का पुल क्षतिग्रस्त, नए पुल के लिए करना होगा इंतजार - पुल क्षतिग्रस्त

खगड़िया में एनएच-31 के गंडक नदी पर जर्जर पुल से राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं, स्थानीय वार्ड पार्षद ने बताया कि इस पुल की एक्सपायरी डेट आज से 5 साल पहले ही खत्म हो चुकी है,अब तो इस पर रिपेयर कार्य भी दो दिन से ज्यादा नही टिक पाता.

Gandak river pool damaged
गंडक नदी का पुल क्षतिग्रस्त

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Published : Aug 28, 2020, 9:54 PM IST

खगड़िया:जिले में उत्तर भारत जोड़ने वाले एनएच-31 के गंडक नदी पर बना पूल अब जर्जर हो चुका है. जगह-जगह सड़कें टूट गई हैं. हालांकि, इसके समानांतर दूसरे पुल का निर्माण कराया जा रहा है. लेकिन निर्माण काफी धीमी गति से कराया जा रहा है. 2017 से पूल निर्माण में काम लगा है, जो कब तक पूरा नहीं हो पाया है. जबकि पूल को दिसंबर 2020 में ही पूरा हो जाना चाहिए. जब तक पूल का निर्माण नही हो पा रहा तब तक यात्रियों को इसी जर्जर पूल पर ही यात्रा करनी होगा.

देखें रिपोर्ट.

जगह-जगह से टूट रहा पुल
एनएच-31 खगड़िया से होकर गुजरता है और आगे आशाम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यो को खगड़िया से जोड़ता है. करीब हर दिन इस पूल से 1 हजार गाड़ी गुजरती है. दिन-रात ये सड़क चलती रहती है. खगड़िया शहर के नजदीक में ही गंडक नदी बहती है. जिस पर एक पुल है. लेकिन पुल की हालत जर्जर हो चुकी है. रेलिंग भी क्षतिग्रस्त हो चुका है और जगह-जगह पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए है. पुल की चौड़ाई भी बहुत कम है जिसकी वजह से आए दिन घंटों जाम लगा रहता है. पुराने पुल के ठीक बगल में नए पुल का निर्माण कराया जा रहा है. लेकिन कछुए की रफ्तार से 2017 से ही इसका काम हो रहा है.

गंडक नदी का पुल क्षतिग्रस्त

नए पुल के तैयार होने में हो रही देरी
बता दें कि दिसम्बर 2020 में पुल को पूर्ण कर सरकार के हाथ मे सौपना था. लेकिन पुल निर्माण में लगे वर्कर और इंजीनियर की माने तो पूल 2021 के अंत तक बनकर तैयार हो पाएगा. पुंजलोयाड कंस्ट्रक्शन कम्पनी को इसके निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन पुंजलोयाड कम्पनी खुद घाटे में चल रही है. जिस वजह से यहां काम धीमी गति से चल रहा है. निर्माण में लगे वर्करों की माने तो कोरोना और बाढ़ की वजह से रफ्तार में कमी आई है.

एक वर्कर ने बताया कि 6 पिलर से बड़ा पुल बन रहा है जिसमें 4 पिलर का पूरा किया जा चुका है. लेकिन 2 पिलर अभी अधूरे हैं क्योंकि बीच नदी में बहुत गहराई है और बाढ़ का पानी से नदी उफान पर है.

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