बिहार

bihar

ETV Bharat / state

आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं किसान, बारिश की कमी से नहीं हो पा रही धान की खेती

जिले की एक महिला कृषक ने कहा कि हमलोग बहुत गरीब है. निजी पंप सेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते. इसलिए इंद्र भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्दी बारिश हो और हमारी समस्या दूर हो.

मायूस किसान

By

Published : Jul 3, 2019, 1:51 PM IST

Updated : Jul 3, 2019, 2:10 PM IST

खगड़ियाः कृषि प्रधान राज्य बिहार के जिला खगड़िया में किसान इन दिनें पूरी तरह असहाय हो गए हैं. यहां के किसान बारिश नहीं होने की वजह से अब तक धान का बिचड़ा नहीं डाल पाए हैं. गिने चुने किसान जिन्होंने धान का बिचड़ा डाल दिया है, वह निजी पंप सेट के माध्यम से हर दिन खेतों में पानी दे-देकर परेशान हैं. वहीं, जिले के ज्यादातर किसान आसमान की ओर नजर गड़ाए बैठे हैं कि कब बादल छायेगा और बारिश होगी.

बारिश के बगैर सूखे पड़े खेत

पंप सेट से पटवन में ज्यादा खर्च

जिले में बारिश नहीं होने की वजह से यहां के किसान काफी परेशान हैं. किसानों का कहना है कि निजी पंप सेट से प्रति एकड़ एक बार में पटवन करने पर तकरीबन 2 हजार रुपये का खर्चा आता है. क्योंकि एक एकड़ खेत को पटाने में करीब 6 घण्टे का समय लगता है और प्रति घण्टा की दर 200 से 250 रुपये है. यही वजह है कि जिले के गरीब किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. कब बादल छायेगा और बारिश होगी तो हम धान का बिचड़ा डालेंगे.

पंप सेट से पटवन करते किसान

अब तक कितनी हुई है बारिश

कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक मात्र 36.43 एमएम ही बारिश हुई है. जबकि विभाग के मुताबिक सामान्य वर्षापात 186.2 एमएम होनी चाहिए. जबकि जिले में अब तक जून मध्य से जुलाई शुरुआत में 3 दिन ही बारिश हुई है. इतनी कम बारिश किसानों के लिए मायूसी का सबब बन गई है. जिन किसानों की स्थिति अच्छी है, वह तो पानी की कमी निजी पंप सेट से पूरी कर लेते हैं, लेकिन गरीब किसानों का बुरा हाल हो जाता है.

धान की फसल

जिले में कृषि का लक्ष्य
कृषि विभाग के जरिए इस साल 20 हजार हेक्टयर में धान की खेती का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, अगर पिछले साल का रिकॉर्ड देखें तो पिछले साल भी 20 हजार हेक्टयर का लक्ष्य दिया गया था. जिसमें 19 हजार 56 सौ 51 हेक्टयर की खेती हुई थी जो कि सराहनीय थी. विभाग के कृषि पदाधिकारी दिनकर प्रसाद सिंह का मानना है कि पिछले साल मौसम ने बहुत अच्छा साथ दिया था. जिससे लक्ष्य को लगभग प्राप्त कर लिया गया था. वहीं, इस साल अनुमान से बहुत कम बारिश हुई है. अब तक जिस से मात्र 20 से 25 प्रतिशत ही धान का बिचड़ा डाला जा सका है.

बारिश के बगैर सूखे पड़े खेत और बयान देते किसान

क्या कहते हैं किसान
महिला कृषक सुमा देवी कहती हैं कि हम गरीब लोग हैं. खेती पर ही पूरी तरह निर्भर रहते है. बारिश के सहारे ही धान का बिचड़ा डालते हैं. हम बारिश के पानी से ही खेती करते हैं. हमलोग बहुत गरीब है निजी पंप सेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते. इसलिए इंद्र भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्दी बारिश हो और हमारी समस्या दूर हो. वहीं, दूसरे किसान जितेंद्र यादव का कहना है कि हम किसानों के लिए ये बहुत विकट समय है. इसमें तो कोई कुछ कर भी नहीं सकता. बस यही चाहते हैं कि भगवान जल्दी से बारिश करा दें.

Last Updated : Jul 3, 2019, 2:10 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details