कटिहार: कोरोना महामारी के चलते देश के कई राज्यों में पिछले 6 महीने से लॉकडाउन है. लॉकडाउन ने हजारों लोगों का रहन सहन बदल दिया है. कई लोगों के सामने भूखमरी की समस्या खड़ी हो गई है. लोग केवल जीने के लिए काम के साधन तलाशने लगे हैं. वहीं जिले के कई चौक चौराहों पर लोग ऑटो से सब्जियां बेचते नजर आ रहे हैं.
लॉकडाउन के कारण काम बंद होने से कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. कुछ समय बाद जमा पूंजी खत्म होने लगे तो लोग काम तलाशने लगे. जिले के हसनगंज प्रखंड के महमूदिया गांव निवासी राजकुमार लाॅकडाउन से पूर्व दिल्ली में सब्जियां बेचता था. लेकिन लॉकडाउन के बाद कोरोना के डर से अपने घर वापस लौट गया और अपने घर पर हीं सब्जियां बेचने का काम शुरू किया. बाद में राजकुमार ने किस्त पर एक ऑटो खरीदी. अब उसी ऑटो से ग्रामीण क्षेत्रों के गली मोहल्ले में घूम घूमकर सब्जियां बेच रहा है और उससे अपने परिवार का गुजारा कर रहा है.
सब्जियां बेचकर कर रहे परिवार का गुजारा
राजकुमार रोज सुबह उठकर 20 किलोमीटर का सफर तय कर कटिहार शहर पहुंचता है और वहां से सब्जियां लेकर वापस अपने गांव पहुंच कर ग्रामीण क्षेत्र के गली मोहल्ले में सब्जियां बेचता है. साथ ही राजकुमार समय मिलने पर ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले हाट में बैठकर सब्जियां बेचता है. उन्होंने बताया कि कभी दिल्ली के सब्जी मंडी में सब्जियां बेचा करते थे. लेकिन कोरोना के चलते पूरे देश में लगे लॉकडाउन के कारण अपने घर वापस लौटना पड़ा. यहां आकर किस्त पर एक ऑटो खरीदा और उसी आटो से अब घूम घूम कर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सब्जियां उपलब्ध करा रहे हैं और उसी से अपना घर परिवार का गुजारा भी कर रहे हैं.
ऑटो से घूम घूम कर बेचते हैं सब्जी
वहीं राजकुमार के पड़ोसी रतन ने बताया कि वह पहले दिल्ली में सब्जी बेचते थे. लेकिन लॉकडाउन में घर लौट आए. अब ऑटो खरीदकर घूम घूमकर गांव में सब्जी बेचते हैं और समय मिलने पर आसपास के क्षेत्र में लगने वाले बाजारों में बैठकर सब्जी बेचते हैं.