कटिहार: कटिहार के मिरचाईबाड़ी में बीते आठ दशक से लगातार होलिका दहन की परंपरा है. यहां स्थित हनुमान मंदिर ट्रस्ट की ओर से हमेशा से यह आयोजन हो रहा है. इस मौके पर स्थानीय लोग खासकर गृहणियां घर से बाहर निकल होलिका का पूजन कर रंगों के उत्सव का आगाज करती हैं.
8 दशकों से चली आ रही है होलिका दहन की परंपरा, महिलाएं करती है आगाज - कार्यक्रम
दुनियाभर में लगभग 79 देशों में पंचतत्व से जुड़े पर्व मनाये जाते हैं. इसमें से एक होली भी है. होली के दिन सभी के घरों मे पुए-पकवान और भी कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं. लोग एक-दूसरे के घर जाकर, गुलाल लगाकर आपस में त्योहार मनाते हैं
क्या कहते हैं लोग
इस साल भी विधिवत यह आयोजन किया गया. निवासी अशोक चौधरी ने बताया कि बुराई पर अच्छाई की जीत की. होलिका दहन हमारे समाज को हमारे संस्कृतियों से हमें जोड़ता है. वहीं हनुमान मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अजित मोदी ने कहा कि होली का अलग ही आनंद है.
क्या है मान्यता
ज्ञात हो होली राग-रंग और फाग का पर्व है. दुनियाभर में लगभग 79 देशों में पंचतत्व से जुड़े पर्व मनाये जाते हैं. इसमें से एक होली भी है. इसे बसंतोत्सव भी कहा जाता है. होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है. जो बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है. होली के दिन सभी के घरों मे पुए-पकवान और भी कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं. लोग एक-दूसरे के घर जाकर, गुलाल लगाकर आपस में त्योहार मनाते हैं.