कटिहार:कोरोना महामारी के इस युग में लोगों ने आयुर्वेदिक दवाओं को ज्यादा तरहीज दे रहे हैं. ऐसे में बिहार के कटिहार में एक ऐसे वैद्य हैं, जो 'कुकर बाबा' के नाम से जाने जाते हैं. वजह, औषधीय पौधों से अनोखी विधि द्वारा इलाज करना है.
कटिहार शहर के बैगना मोहल्ले में रहने वाले वैद्य सिंघेश्वर साह को कुकर बाबा के नाम से जाना जाता है. सिंघेश्वर साह 240 तरह के औषधीय पौधा लगा, हर्बल तरीके से करते इलाज करते हैं. कुकर बाबा का खुद का अपना बगीचा है, जहां उन्होंने औषधीय पौधे लगा रखे हैं.
कैसे इलाज करते हैं कुकर बाबा, अंत तक देखें इलाज के तरीके के कारण नाम पड़ा कुकर बाबा
वैद्य सिंघेश्वर साह अनेक प्रकार के रोगों के लिए अपने बगीचे के औषधीय पौधे से इलाज करते हैं. इसके लिए वो कुकर की भाप बनाकर लोगों को खुराक देते हैं, मानें उनका इलाज वो वाष्पन विधि से करते हैं. भाप तकनीक के अनोखे तरीके से इलाज के लिए क्षेत्र में उन्हें कुकर बाबा के नाम से पहचान मिली है. उनके पास 25-30 ऐसे किस्म के पौधे हैं, जो अब आयुर्वेदिक क्षेत्र में भी विलुप्त की श्रेणी में हैं.
विलुप्त औषधी पौधों के मालिक हैं कुकर बाबा पतंजलि से मिल चुका सम्मान
आयुर्वेदिक औषधि और उससे जुड़ी खेती के क्षेत्र में दिलचस्पी के बारे में बताते हुए सिंघेश्वर साह कहते हैं कि उन्हें अपने पिता से विरासत में यह ज्ञान मिला है. बाद में वैद्य की उपाधि के लेने के बाद उन्होंने आयुर्वेदिक पौधों की खेती भी अपने घर के बगीचे में शुरू कर दी. आयुर्वेदिक क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए पतंजलि संस्थान के अलावा और कई प्रतिष्ठित संस्थान उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं.
कुकर से वाष्प बना करते हैं इलाज फिलहाल, जड़ी बूटियों के सहारे भाप तकनीक के इलाज के इस तरीके से वे कई लोगों का इलाज कर रहे हैं. वहीं, आयुर्वेद से जुड़े युवा कुकर बाबा की आयुर्वेदिक विद्या के साथ-साथ भाप तकनीक के बारे में ज्ञान लेने पहुंच रही है. कुकर बाबा कहते हैं कि उनके 240 तरह के औषधीय पौधे किसी भी प्रकार की बीमारी को जड़ से दूर कर सकत हैं. वो ये भी कहते हैं कि जो बीमारी डॉक्टर से दूर नहीं होती, वो हम दूर कर देते हैं.