कटिहारः सरकारी बाबुओं की लापरवाही के कारण जिले का इकलौता मनरेगा सोशल पार्क बदहाल स्थिति में है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमारने वर्ष 2013 में इसकी शुरुआत की थी. बदरंग हो चुके इस पार्क में लोगों ने अब जाना भी छोड़ दिया. जिस कारण इस पार्क में अब वीरानी छाई रहती है.
13 जून 2013 को सीएम नीतीश कुमार के करकमलों से इसकी शुरुआत हुई थी. शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर कोढ़ा प्रखण्ड में बना यह पार्क जिले का इकलौता उद्यान है. जिसे जिला प्रशासन ने मॉडल पार्क के रूप में विकसित किया था. मकसद था हरियाली के बीच लोग यहां अपने जिन्दगी के दो पल सुकून से गुजारें.
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काफी तामझाम के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी शुरुआत कर लोगों की तालियां भी खूब बटोरी थीं. लेकिन सीएम नीतीश की यह महत्वाकांक्षी योजना भी दूसरी अन्य योजनाओं की तरह बाबुओं की लापरवाही की भेंट चढ़ गई. हालात ऐसे हैं कि इस मनरेगा सोशल पार्क में बने तालाब में झाड़ियों और जंगलों ने कब्जा कर लिया है. लोगों के बैठने के लिये बने प्लेटफार्म भी टूट गए हैं.
बदहाली की वजह से अब लोगों ने यहां आना-जाना भी छोड़ दिया है. कोई भी अधिकारी देखने सुनने नहीं आता. जिस कारण यह पार्क अब बदहाल हो गया है- उस्मान अली, स्थानीय ग्रामीण
उद्घाटन पर लगाया गया शिलापट कटिहार के मनरेगा सोशल पार्क के मुख्य द्वार पर मोटे-मोटे अक्षरों में जल जीवन हरियाली के स्लोगन लिखे हैं, जो सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है. मनरेगा सोशल पार्क की स्थापना भी हरियाली के लिए की गयी थी. लेकिन सरकारी बाबुओं की लापरवाही की वजह से बदहाल मनरेगा सोशल पार्क को देखकर समझा जा सकता है कि जिले में जल जीवन हरियाली से जुड़ी अन्य दूसरी योजनाओं का धरातल पर क्या हालात होगा.