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कैमूर: FIR के 2 माह बाद भी नहीं मिला पीड़ित को मुआवजा, दवा के लिए नहीं हैं पैसे

पीड़ित महिला का घर सोनहन थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में है. महिला ने एससी/एसटी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. लेकिन एफआईआर दर्ज होने के 2 माह बाद भी महिला को मुआवजे की पहली राशि नहीं मिली. अब आलम यह है कि महिला के पास दवा के लिए भी पैसा नहीं है.

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Published : Jun 7, 2020, 1:08 PM IST

कैमूर: जिला स्थित डीपीएस स्कूल में साफ-सफाई का काम करने वाली एक महिला को स्कूल संचालक ने चोरी का आरोप लगाकर बंधक बना लिया था. साथ ही 17 दिनों तक बंधक बनाकर उसकी जमकर पिटाई भी की.

चोरी का आरोप लगाकर महिला को बनाया बंधक
बता दें कि पीड़ित महिला का घर सोनहन थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में है. महिला ने एससी/एसटी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. लेकिन एफआईआर दर्ज होने के 2 माह बाद भी महिला को मुआवजे की पहली राशि नहीं मिली. अब आलम यह है कि महिला के पास दवा के लिए भी पैसा नहीं है.

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महिला के पास दवा की भी पैसे नहीं
वहीं, पीड़िता ने बताया कि पुलिस एफआईआर के बाद भी न तो कोई कार्रवाई किया, न हीं मुआवजे के लिए फाइल डीएम कार्यालय को सौंपा जा रहा है. ऐसे में पुलिस की लापरवाही के कारण आज महिला के पास इलाज के लिए पैसे तक उपलब्ध नहीं है. महिला ने अब राष्ट्रीय एससी/एसटी आयोग दिल्ली, महिला और मानवाधिकार आयोग बिहार को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है.

एफआईआर दर्ज कराने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
वहीं, स्कूल के संचालक का कहना है कि उनके स्कूल से 6 मार्च की एक लाख रुपये की चोरी हुई थी. 22 मार्च को एफआईआर दर्ज कराया गया. जिसके बाद महिला ने बदले की भावना से 23 मार्च की एससीएसटी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

25 प्रतिशत मुआवजा मिलेगा महिला को
वहीं, सिविल कोर्ट भभुआ के वरीय वकील का कहना है कि एफआईआर 24 घंटे के बाद अनुसंधान कर दर्ज की जाती है. एफआईआर दर्ज होने के साथ ही एक पत्र डीएम को लिखा जाता है, ताकि महिला को कुल राशि का 25 प्रतिशत मुआवजा एफआईआर के तत्काल बाद मिल सके. उन्होंने बताया कि एससी/एसटी एक्ट के तहत पुलिस कि बड़ी लापरवाही है. बिहार एससी/एसटी आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. महिला को न्याय मिलेगा.

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